नयी दिल्ली, छह नवंबर भारत और अमेरिका के बीच बुधवार को समाप्त हुई दो दिवसीय सैन्य सहयोग समूह की बैठक में दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के समक्ष मौजूद चुनौतियों की साझा समझ के साथ द्विपक्षीय सैन्य सहयोग का दायरा बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग समूह (एमसीजी) की 21वीं बैठक 5-6 नवंबर को आयोजित की गई थी। दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस अवसर पर जारी पहलों की समीक्षा की तथा सहयोग के नए क्षेत्रों को चिह्नित किया।
रक्षा मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया, ‘‘बैठक में क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण आदान-प्रदान, रक्षा औद्योगिक सहयोग, पारंपरिक और हाइब्रिड खतरों के लिए तैयारी को मजबूत करने वाले संयुक्त अभ्यासों को आगे बढ़ाने सहित कई विषयों पर चर्चा हुई।’’
विज्ञप्ति के मुताबिक बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व इंटेग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जे. पी. मैथ्यू ने और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अमेरिकी हिंद-प्रशांत कमान के उप कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जोशुआ एम रुड ने किया। दोनों ने बैठक की सह अध्यक्षता की।
विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘दोनों पक्षों ने भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी के महत्व को रेखांकित किया और सक्रिय भागीदारी तथा बेहतर अंतर-संचालन के माध्यम से इस रणनीतिक संबंध को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।’’
इसमें कहा गया, ‘‘उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सामने मौजूद चुनौतियों की साझा समझ के साथ भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग के दायरे का विस्तार करने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।’’
एमसीजी एक प्रमुख मंच है जिसका उद्देश्य रक्षा सहयोग को बढ़ाना तथा दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच रणनीतिक और परिचालन रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है।
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