नयी दिल्ली, 14 अप्रैल माकपा ने मंगलवार को कहा कि कोरोना संकट से निपटने के लिये लॉकडाउन की अवधि को तीन मई तक बढ़ाने से समाज के हाशिये पर पड़े गरीबों की दुश्वारियां और अधिक बढ़ेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉकडाउन की अवधि बढ़ाये जाने की घोषणा के बाद माकपा ने सरकार पर इस अवधि में वंचित वर्गों की मूलभूत जरूरतों की पूर्ति के लिये कोई ठोस कार्ययोजना पेश नहीं करने का आरोप लगाया।
पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि लॉकडाउन के शुरुआती तीन सप्ताह के दौरान गरीबों को व्यापक पैमाने पर भोजन और आश्रय की समस्या का सामना करना पड़ा।
पार्टी ने इसके मद्देनजर आयकर नहीं देने वाले सभी परिवारों को 7500 रुपये की एकमुश्त राशि तत्काल देने और सभी जरूरतमंद लोगों को मुफ्त खाद्यान्न वितरित करने को जरूरी बताया। पार्टी ने कहा कि सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिये कि इस कठिन समय में भूख से किसी की मौत न हो।
माकपा ने प्रधानमंत्री के वक्तव्य में लॉकडाउन की अवधि में लागू की जाने वाली कार्ययोजना का जिक्र नहीं होने पर निराशा व्यक्त करते हुये कहा कि मोदी ने लोगों से तो सात विभिन्न कार्य करने को कहा है लेकिन यह नहीं बताया कि सरकार, खुद क्या करेगी।
उल्लेखनीय है कि भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों की संख्या दस हजार से अधिक हो गयी है, जबकि इससे 339 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
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