पुडुचेरी, चार जनवरी पुडुचेरी में पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड-19 मामलों की संख्या में वृद्धि हुई और यहां संक्रमण के 66 नये मामले सामने आये। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
इससे पहले केंद्र शासित प्रदेश में सामने आने वाले नये मामलों की संख्या 30 से कम रह रही थी।
स्वास्थ्य निदेशक जी श्रीरामुलु ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि 3,420 नमूनों की जांच के बाद ये नये मामले सामने आये। उन्होंने बताया कि 66 मामलों में से पुडुचेरी क्षेत्र में जहां 45 मामले सामने आये वहीं, कराईकल के बाहरी क्षेत्र में 13 नये मामले सामने आए, इसके बाद यानम में एक और माहे में सात नये मामले सामने आये।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही केंद्र शासित प्रदेश में संक्रमितों की अब तक की कुल संख्या बढ़कर 1,29,619 हो गई है। उन्होंने कहा कि सात मरीज संक्रमण से ठीक हुए और उन्हें छुट्टी दे दी गई, जबकि अभी तक ठीक हुए व्यक्तियों की कुल संख्या 1,27,524 है। उन्होंने कहा कि हालांकि, इस दौरन किसी मरीज की मौत नहीं हुई और यहां मृतक संख्या 1,881 है।
स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 20,53,558 नमूनों की जांच की है और उनमें से 17,42,432 नमूनों की रिपोर्ट निगेटिव आयी है।
निदेशक ने कहा कि संक्रमण दर 1.93 प्रतिशत जबकि मृत्यु और ठीक होने की दर क्रमशः 1.45 प्रतिशत और 98.38 प्रतिशत है। श्रीरामुलु ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने टीके की अब तक 14,10,815 खुराक दी है, जिसमें 8,44,028 पहली खुराक और 5,66,787 दूसरी खुराक हैं।
इस बीच, उपराज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने मंगलवार को शहर के बीचों-बीच स्थित सौसीलाबाई गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल में किशोरों (15 से 18 वर्ष) के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि पुडुचेरी और देश भर में चल रहे किशोरों का टीकाकरण कार्यक्रम महामारी से निपटने के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को गर्व महसूस करना चाहिए कि स्वदेशी रूप से उत्पादित टीके (कोवैक्सीन) का इस्तेमाल लोगों को महामारी से बचाने के लिए टीकाकरण के लिए किया जा रहा है।’’
सुंदरराजन ने यह भी कहा कि केंद्र शासित प्रदेश सरकार ने 15 से 18 वर्ष आयुवर्ग के सभी 83,000 किशोरों का टीकाकरण करने का लक्ष्य तय किया है। किशोरों को टीका लगाने का वर्तमान अभियान सोमवार से शुरू हुआ और अब तक पुडुचेरी में 454 किशोरों का टीकाकरण किया जा चुका है।
उन्होंने कहा, ‘‘लड़कों और लड़कियों का टीकाकरण उनके माता-पिता की सहमति के बाद ही किया जा रहा है और यह टीकाकरण की धीमी प्रगति का कारण हो सकता है।’’
उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि यदि वे टीकाकरण छोड़ देते हैं तो किसी को भी माफ नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने पहले ही उन जगहों का निरीक्षण किया है जहां कोविड देखभाल केंद्र स्थापित करने की योजना है।
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