नयी दिल्ली, सात फरवरी तेलंगाना सरकार ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायकों की खरीद-फरोख्त के कथित प्रयासों की सीबीआई जांच के लिए उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली अपनी अपील पर उच्चतम न्यायालय से तत्काल सुनवाई करने का मंगलवार को अनुरोध किया।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने तेलंगाना सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे की इन दलीलों का संज्ञान लिया कि राज्य सरकार को अस्थिर करने के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
दवे ने कहा कि तेलंगाना उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश की एक पीठ ने सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) जांच का आदेश दिया था और एक वृहद पीठ ने इसे बरकरार रखते हुए कहा था कि राज्य सरकार की अपील विचार योग्य नहीं है।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, ‘‘इसकी अत्यधिक तात्कालिकता है। यदि सीबीआई इस जांच में प्रवेश करती है तो हर चीज नाकाम हो जाएगी।’’
शीर्ष न्यायालय की पीठ में न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला भी शामिल हैं। पीठ ने दवे को बुधवार को फिर से याचिका का उल्लेख करने के लिये कहा।
पीठ ने कहा, ‘‘हम इस विषय को सूचीबद्ध करेंगे। इसका कल सुबह उल्लेख करिये...उल्लेख किये बगैर भी यह अगले हफ्ते सुनवाई के लिए आएगा।’’
उल्लेखनीय है कि सोमवार को तेलंगाना उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने मामले की जांच राज्य पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) के पास से सीबीआई को हस्तांतरित करने संबंधी एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की अपील खारिज कर दी थी।
यह मामला, बीआरएस के चार विधायकों की खरीद-फरोख्त की कथित कोशिशों से संबद्ध है।
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