देश की खबरें | न्यायिक अधिकारियों को बढ़े हुए वेतनमान लागू करें : उच्चतम न्यायालय

नयी दिल्ली, 27 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को आदेश दिया कि दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत पूरे देश में न्यायिक अधिकारियों के बढ़े हुए वेतनमान एक जनवरी 2016 से लागू किया जाए।

शीर्ष अदालत ने कहा कि ‘‘अनंतकाल’’ तक इंतजार नहीं किया जा सकता।

प्रधान न्यायाधी एन.वी.रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने टिप्पणी की कि वेतन ढांचे में तत्काल प्रभाव से संशोधन किया जाना चाहिए क्योंकि न्यायिक अधिकारी केंद्र और राज्य के किसी वेतन आयोग के तहत कवर नहीं होते हैं। पीठ ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों को बढ़े हुए वेतन के एरियर का भुगतान तीन किस्तों में किया जाए।

सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश रमण ने कहा, ‘‘ हम अनंतकाल तक इंतजार (दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए) नहीं कर सकते हैं....पहले ही साढ़े छह साल की देरी हो चुकी है। वर्ष 2016 से ही वे इंतजार कर रहे हैं। जहां तक वेतनमान का सवाल है, तो हम उसे लागू कर रहे हैं।’’

कई राज्य संसाधनों की कमी का हवाला देकर सिफारिशों को लागू करने से हाथ पीछे खींचते रहे हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘संशोधित वेतनमान ढांचा जो तालिका-1 में इंगित किया गया है, उसे स्वीकार किया जाएगा और इसे एक जनवरी 2016 से लागू किया जाएगा। अंतरिम राहत तय करने के बाद एरियर का 25 प्रतिशत का भुगतान पहले तीन महीने में नकद किया जाए, शेष 25 प्रतिशत राशि अगले तीन महीने में दी जाए और बाकी बची 50 प्रतिशत राशि वर्ष 2023 की पहली तिमाही में दी जाए।’’ इस पीठ में न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत ने यह फैसला ‘‘ऑल इंडिया जजेस एसोसिएशन’ की अर्जी पर दिया जिसने न्यायिक अधिकारियों की सेवा शर्तें सहित कई मुद्दे उठाए थें।

गौरतलब है कि दूसरे न्यायिक वेतन आयोग का गठन उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2017 में न्यायिक अधिकारियों के वेतन और अन्य सेवा शर्तों की समीक्षा करने के लिए किया था।

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