पुणे, 6 नवंबर : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शनिवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर प्रदेश सरकार के पास पर्याप्त धन नहीं है तो उसे राज्य परिवहन निकाय के कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए ऋण लेना चाहिए. उन्होंने कहा, चूंकि केंद्र ने ईंधन की कीमतों में कमी की है, इसलिए महाराष्ट्र सरकार को भी लोगों को और राहत देने के लिए दरों में कमी करनी चाहिए. स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच की मांग को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक पर निशाना साधते हुए पाटिल ने यह जानना चाहा कि मंत्री मीडिया के जरिए यह मांग क्यों कर रहे हैं, जबकि वह खुद सत्ता में हैं. भाजपा नेता ने पुणे में एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बात की. महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारियों का एक वर्ग नकदी संकट से जूझ रहे निगम का राज्य सरकार में विलय करने की अपनी मुख्य मांग को लेकर हड़ताल पर है.
एमएसआरटीसी के कर्मचारियों ने वेतन से संबंधित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन शुरू किया था. राज्य सरकार द्वारा उनकी ज्यादातर मांगों को स्वीकार करने के बाद उनमें से अधिकांश कर्मी काम पर लौट आए, लेकिन विलय का मुद्दा अब भी अनसुलझा है. इस संबंध में पाटिल ने कहा, ‘‘यह पहली बार नहीं है, जब एमएसआरटीसी घाटे में चल रही है. यह पहले भी था, लेकिन जब हम सत्ता में थे तब इन कर्मचारियों ने कोई हड़ताल नहीं की थी. तत्कालीन परिवहन मंत्री दिवाकर रावते सुनिश्चित करते थे कि राज्य सरकार निगम को पर्याप्त धन आवंटित करे.’’ उन्होंने पूछा, ‘‘यदि वर्तमान सरकार के पास धन की कमी है, तो उसे ऋण लेना चाहिए. अगर आप (राज्य सरकार) कर्मचारी के वेतन के लिए ऋण नहीं लेना चाहते हैं और किसानों को राहत पैकेज देना चाहते हैं, तो आप वास्तव में क्या करना चाहते हैं? क्या आप लोगों को मारना चाहते हैं?’’ उन्होंने लोगों से उद्धव ठाकरे और राकांपा प्रमुख शरद पवार से यह पूछने का भी आग्रह किया कि राज्य सरकार ने कोविड-19 से निपटने के लिए कितना खर्च किया. यह भी पढ़ें : तेलंगाना पुलिस ने बंगाल में अंतरराज्यीय क्रिप्टो ट्रेडिंग रैकेट का किया भंडाफोड़
उन्होंने कहा, ‘‘इस पर कुछ भी खर्च नहीं किया गया. केंद्र सरकार ने राशन, टीका और यहां तक कि एन-95 मास्क भी प्रदान किए. राज्य सरकार की जेब से कुछ भी खर्च नहीं किया गया. वास्तव में उन्होंने किसानों को क्या मदद दी?’’ उन्होंने दावा किया कि इस दिवाली अनुसूचित जाति (एसटी) के कर्मचारियों को भी 4000 रुपये से अधिक का बोनस और अन्य भुगतान नहीं मिला.
एनसीबी के मुंबई जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ एसआईटी जांच पर नवाब मलिक के ट्वीट पर पाटिल ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मलिक ने पद से इस्तीफा दे दिया है. अगर वह मंत्री हैं तो वह खुद ऐसा करने के बजाय मीडिया के माध्यम से जांच की मांग क्यों कर रहे हैं. राज्य के पूर्व गृह मंत्री (अनिल देशमुख) को गिरफ्तार कर लिया गया है और वर्तमान गृह मंत्री (दिलीप वलसे पाटिल) बीमार हैं, शक्ति आपके पास है. एक या दो एसआईटी (जांच के लिए) का गठन करें. यदि आप हर रोज ट्वीट कर रहे हैं और संवाददाता सम्मेलन बुला रहे हैं तो इसका मतलब है कि आपको मंत्री पद से हटा दिया गया है.’’
अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान से जुड़े मादक पदार्थ मामले के आरोपों और जवाबी आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह सब नवाब मलिक ने शुरू किया था. शाहरुख खान कोई इतना खास नहीं है कि पार्टी उनका समर्थन शुरू कर दे... लेकिन अगर हम चुप रहेंगे, तो यह गलत संदेश देगा कि आर्यन खान मामले में एमवीए जो कर रहा है उसे हम स्वीकार कर रहे हैं. जब उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के बारे में बात की तभी उन्होंने (फडणवीस ने) जवाब दिया और मैंने भी ऐसा ही किया. ठाकरे को अपने मंत्रियों के साथ बैठक करनी चाहिए और उनसे पूछना चाहिए कि क्या चल रहा है.’’
पाटिल ने यह भी कहा कि मलिक को जांच एजेंसियों के काम में दखल देना बंद करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘मलिक को इस बात से चिंतित नहीं होना चाहिए कि क्या वानखेड़े जांच कर रहे हैं या उन्हें मामले से हटा दिया गया है.’’
पाटिल का यह बयान एनसीबी द्वारा विवादास्पद क्रूज ड्रग्स मामले से वानखेड़े को हटाने के एक दिन बाद आया है, एजेंसी ने मामले में जांच और उनके नेतृत्व वाली मुंबई इकाई से पांच अन्य मामलों को एक एसआईटी को स्थानांतरित कर दिया है.