नयी दिल्ली, 17 सितंबर कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मणिपुर को लेकर दिए गए बयान के बाद मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि यदि शाह के कहे मुताबिक पूर्वोत्तर के इस राज्य में स्थिति सामान्य है तो फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब तक वहां जाने की इच्छाशक्ति क्यों नहीं दिखाई?
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने अब तक मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह समेत राज्य के नेताओं के साथ किसी भी तरह की सार्थक चर्चा के लिए बैठक क्यों नहीं की?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सरकार मणिपुर में स्थायी शांति के लिए मेइती और कुकी दोनों समुदायों से बातचीत कर रही है और उसने घुसपैठ रोकने के लिए म्यांमा से लगती देश की सीमा पर बाड़ लगाना शुरू कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में शाह ने कहा कि पिछले सप्ताह तीन दिनों की हिंसा को छोड़ दिया जाए तो मणिपुर में स्थिति कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रही है और सरकार अशांत पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल करने के लिए काम कर रही है।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘यदि मणिपुर में स्थिति आज उतनी ही सामान्य है जितना स्वयंभू चाणक्य ने आज बताया है... यदि मणिपुर के मुख्यमंत्री अच्छा काम कर रहे हैं जैसा कि स्वयंभू चाणक्य ने आज कहा है...यदि विभिन्न समुदायों के साथ बातचीत की प्रक्रिया चल रही है जैसा कि आज स्वयंभू चाणक्य ने दावा किया है..., तब नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को मणिपुर जाने का समय क्यों नहीं मिला या उन्होंने वहां जाने की इच्छाशक्ति क्यों नहीं दिखाई?’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री समेत राज्य के नेताओं के साथ किसी भी तरह की सार्थक चर्चा के लिए बैठक क्यों नहीं की? वहां कोई पूर्णकालिक राज्यपाल क्यों नहीं है? और मुख्य सचिव पिछले 45 दिनों से राज्य में क्यों नहीं हैं?’’
रमेश ने यह सवाल भी किया कि कई विधायक और मंत्री अब राज्य में क्यों नहीं हैं और इंफाल में भाजपा के भव्य कार्यालय पर ताला क्यों लगा दिया गया है?
हक
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)