Maharashtra ED Raid: यदि ईडी की छापेमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी है, तो सहयोग करना आवश्यक- सांसद संजय राउत
शिवसेना के नेता एवं सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी यदि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी है, तो महाराष्ट्र सरकार के लिए यह जरूरी है कि वह जांच एजेंसी का सहयोग करे.
मुंबई, 15 फरवरी : शिवसेना के नेता एवं सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी यदि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी है, तो महाराष्ट्र सरकार के लिए यह जरूरी है कि वह जांच एजेंसी का सहयोग करे. शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता राउत ने साथ ही सवाल किया कि क्या केंद्रीय जांच एजेंसी गुजरात में ‘‘सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी’’ की भी जांच करेगी. प्रवर्तन निदेशालय ने अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों, संपत्तियों की अवैध खरीद-फरोख्त और हवाला के जरिये लेन-देन से संबंधित धन शोधन के मामले की जांच के तहत मुंबई में मंगलवार को कई स्थानों पर छापा मारा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी को स्वतंत्र रूप से प्राप्त कुछ खुफिया जानकारी और वर्ष 1993 में मुंबई में हुए बम धमाके के मुख्य साजिशकर्ता दाऊद इब्राहीम के विरुद्ध राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है.
सूत्रों ने बताया कि अवैध खरीद-फरोख्त से जुड़े कुछ नेता भी एजेंसी के रडार पर हैं. राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि कोई मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है, तो (राज्य सरकार के लिए यह) जरूरी है कि वह केंद्रीय एजेंसियों का सहयोग करे. (इस पर मिलकर काम करना) केंद्र और राज्य के लिए आवश्यक है.’’ राज्यसभा के सदस्य ने कहा कि राष्ट्रीय एवं आंतरिक सुरक्षा एक बहुत नाजुक मामला है और इस जांच पर कुछ भी बोलना अनुचित होगा. उन्होंने कहा, ‘‘यदि ईडी सुरक्षा संबंधी जानकारियों के आधार पर जांच कर रहा है, तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए. यह किसी राजनीतिक दल के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए है.’ महाराष्ट्र की राजधानी में लगभग 10 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है. यह कार्रवाई धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के अंतर्गत की जा रही है. यह भी पढ़ें : कांग्रेस को झटका, पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने पार्टी से दिया इस्तीफा
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. यह मुकदमा भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के एक संघ से कथित रूप से 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के संबंध में दर्ज किया गया है. राउत ने इस पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा, ‘‘हम भी देखना चाहते हैं कि देश के सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में प्रवर्तन निदेशालय क्या कर रहा है. वे कौन लोग हैं, जो पिछले दो साल से धोखाधड़ी के इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहे थे.... जिन्होंने प्राथमिकी भी दर्ज नहीं करने दी. षड्यंत्रकारी देश से कैसे बच गए?’’
राउत मंगलवार को बाद में एक संवाददाता सम्मेलन करेंगे. राउत ने सोमवार को कहा था कि केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके उनकी पार्टी को धमकाया नहीं जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ नेता आने वाले चंद दिनों में जेल में होंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले साल नवंबर में धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए राज्य के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख जल्द ही जेल से बाहर आएंगे.