उपकप्तान Ajinkya Rahane का बड़ा बयान, कहा- आलोचनाओं के कारण ही यहां तक पहुंचा हूं

भारतीय टेस्ट टीम के उप कप्तान अजिंक्य रहाणे को थोड़ी बहुत ‘आलोचनाओं’ से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन वह कभी भी इस बात से ज्यादा परेशान नहीं हुए कि लोग उनके खेल के बारे में क्या सोचते हैं और वह टीम को जीत दिलाने के काम पर लगे रहे.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: BCCI)

साउथम्पटन, 16 जून: भारतीय टेस्ट टीम के उप कप्तान अजिंक्य रहाणे को थोड़ी बहुत ‘आलोचनाओं’ से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन वह कभी भी इस बात से ज्यादा परेशान नहीं हुए कि लोग उनके खेल के बारे में क्या सोचते हैं और वह टीम को जीत दिलाने के काम पर लगे रहे. पिछले कुछ वर्षों में उनकी फार्म में उतार-चढ़ाव बना रहा और इसके बावजूद वह विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप चक्र के दो वर्षों में 17 मैचों में 1095 रन बनाकर टीम के शीर्ष स्कोरर रहे और टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में जगह बनाने में सफल रही. रहाणे ने इस पर कहा, ‘‘यह काफी विशेष महसूस होता है.’’

यह पूछने पर कि जब वह रन नहीं बना पाते तो अपनी आलोचनाओं के बारे में क्या सोचते हैं? इस पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आलोचनाओं से परेशानी नहीं होती. मुझे लगता है कि मैं आलोचनाओं के कारण ही यहां हूं. मैं हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता था, भले ही लोग मेरी आलोचनायें करते रहें.’’ आस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला में ऐतिहासिक जीत के दौरान कप्तान की जिम्मेदारी संभालने वाले रहाणे ने कहा, ‘‘मेरे लिये अपने देश के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ देना महत्वपूर्ण है और बल्लेबाज या क्षेत्ररक्षक के तौर पर हर बार मैं योगदान करना चाहता हूं.’’

यह भी पढ़ें- ICC WTC Final 2021: अगर Wasim Jaffer के इस पहेली को सुलझाने में आप हुए कामयाब तो आपको टीम इंडिया के प्लेइंग एलेवेन का मिलेगा सही जवाब

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आलोचनाओं के बारे में वास्तव में ज्यादा नहीं सोचता हूं. अगर लोग मेरी आलोचना करेंगे तो यह उनका सोचना है और यह उनका काम है. मैं इन सभी चीजों पर काबू नहीं कर सकता. मैं हमेशा उन चीजों पर ध्यान देता हूं, जिन पर मेरा नियंत्रण हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ करता हूं, कड़ी मेहनत करता हूं और इसके बाद नतीजा निकलता है.''

रहाणे ने कहा कि अगर वह 40 रन भी बनाते हैं तो यह टीम के लिये उपयोगी होने चाहिए, तभी उन्हें खुशी मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपना नैसर्गिक खेल ही खेलूंगा. जीतना सबसे अहम है भले ही मैं शतक बनाऊं या नहीं. मैं खुद को ज्यादा दबाव में भी नहीं लाना चाहता और अगर मेरे 30 या 40 रन टीम के लिये महत्वपूर्ण हैं तो मैं खुश हूं.’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

संबंधित खबरें

\