नयी दिल्ली, नौ अप्रैल बड़ी आपदा के कारण उत्पन्न हुई 21 दिवसीय लॉकडाउन जैसी परिस्थिति से आवश्यक वस्तुओं की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि होती है जिससे जमाखोरी और कालाबाजारी जैसी समस्याएं पैदा होती हैं।
विशेषज्ञों ने बृहस्पतिवार को अपने विचार रखते हुए आवश्यक वस्तुओं की कृत्रिम मूल्य वृद्धि, जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की चर्चा की।
गैर सरकारी संगठन एपीजे अब्दुल कलाम केंद्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सृजन पाल सिंह ने कहा, “बड़ी आपदा के कारण कुछ वस्तुओं की मांग में कम समय के लिए अप्रत्याशित वृद्धि होती होती है जिससे जमाखोरों को मौका मिल जाता है। हमने ऐसे हालात नवंबर 2019 में देखे थे जब दिल्ली में प्रदूषण बढ़ गया था और कुछ लोग मास्क की जमाखोरी कर ऊँचे दाम पर बेच रहे थे। कोविड-19 से कालाबाजारी करने वालों को इससे भी बड़ा मौका मिल गया और शुरुआत में देखा गया कि मास्क लिखित दाम से कई गुना अधिक दाम पर बेचा गया। यह केवल भारत में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हुआ।”
सिंह ने कहा कि जब लॉकडाउन की घोषणा हुई तब सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों की जमाखोरी की घटनाएं सामने आईं।
उन्होंने कहा, “इसे केवल जमाखोरी करने वाले दुकानदारों के दृष्टिकोण से ही नहीं देखना चाहिए बल्कि कोल्ड स्टोरेज और परेशान होकर घरेलू स्तर पर होने वाली जमाखोरी से बाजार में आपूर्ति पर पड़ने वाले प्रभाव का भी आकलन किया जाना चाहिए।”
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर “द ब्लैक टाइगर” नामक पुस्तक लिखने वाले सिंह ने कहा कि सरकार बार-बार जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ निर्देश जारी करती है लेकिन सभी लोग इन नियमों का पालन नहीं करते।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अपराध की बड़े स्तर पर निगरानी करना कठिन है और इसके लिए नया तरीका अपनाना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, “उदाहरण के लिए सरकार लोगों से कोविड-19 के लिए शुरू किए गए एप्प पर उन दुकानों की जियो टैगिंग करने के लिए कह सकती है जो कालाबाजारी कर रहे हैं।”
अमेरिकी साइबर कंपनी टेनेबल में प्रधान अनुसंधान अभियंता सतनाम नारंग के अनुसार कोविड-19 से साइबर अपराधियों और घोटालेबाजों को आवश्यक वस्तुओं की कमी होने से लाभ कमाने का मौका मिल गया है।
उन्होंने कहा, “पिछले कुछ महीनों से विश्व भर में कोविड-19 सर्वाधिक चर्चा का केंद्र है जिससे मौकापरस्त लोगों को डर और अनिश्चितता के माहौल से लाभ कमाने का अवसर मिल गया है। चाहे वह साइबर अपराधी हों, घोटालेबाज या आवश्यक वस्तुओं की कमी होने से लाभ कमाने वाले, कोविड-19 से उपजे संकट से इन सभी को अवसर मिल रहा है और यह महामारी समाप्त होने तक जारी रहेगा।”
नारंग ने कहा कि लोगों के लिए यह आवश्यक है कि वे प्रामाणिक स्रोतों से मिलने वाली सूचनाओं पर ही भरोसा करें, बीमारी ठीक करने वाले भ्रामक दावों से दूर रहें और सत्यापित दुकानदारों से ही आवश्यक सामग्री खरीदें।
नारंग ने कहा, “मौकापरस्त लोगों के कारनामे जो हम देख रहे हैं वह केवल झलक भर है। दुर्भाग्यवश आगे बहुत कुछ होने की आशंका है।”
सतनाम द्वारा किए गए एक नए अनुसंधान में सामने आया है कि किस प्रकार मौकापरस्त लोग इंस्टाग्राम पर विज्ञापन पर लगी पाबंदी के बावजूद मास्क, सेनिटाइजर और अन्य आवश्यक वस्तुओं को बेचने के लिए विज्ञापन दिखाने में कामयाब हो रहे हैं।
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