देश की खबरें | निजी और सरकारी अस्पतालों में ओपीडी पर रोक कैसे लगाई गई : उच्च न्यायालय
जियो

प्रयागराज, 15 जून इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य सरकार और प्रयागराज के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) को 18 जून को अदालत को यह जानकारी देने को कहा कि निजी और सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा पर रोक कैसे लगाई गई है।

न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट और विधि के एक छात्र विनायक मिश्रा द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया।

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याचिकाकर्ताओं के वकील ने अपनी दलील में कहा कि कोविड-19 के साथ ही अन्य मरीजों का भी अस्पतालों द्वारा इलाज किया जाना चाहिए क्योंकि ऐसे मरीजों इलाज इस महामारी के आने से पहले से ही चलता रहा है।

इस याचिका में 23 मार्च, 2020 और 31 मई, 2020 को जारी सरकारी अधिसूचनाओं को रद्द करने का भी अनुरोध किया गया जिनके तहत सरकारी और निजी अस्पतालों को गैर कोविड-19 मरीजों का इलाज करने से रोका गया है।

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याचिका में अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है कि कोई भी मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित हो या नहीं, अस्पताल मरीज का इलाज करें और अधिकारियों को कोविड-19 मरीजों का इलाज करने के लिए एक अलग ढांचा स्थापित करने का निर्देश दिया जाए।

यह जनहित याचिका ऐसे समय दायर की गई है जब पिछले सप्ताह नोएडा में एक गर्भवती महिला को अस्पताल में भर्ती नहीं किए जाने के कारण उसकी मृत्यु हो गई थी। इस याचिका में अदालत से इस मामले की जांच कराने का भी अनुरोध किया गया है।

राजेंद्र

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