नयी दिल्ली, 16 जुलाई प्रॉपर्टी सलाहकार नाइट फ्रैंक के मुताबिक देश के आठ प्रमुख शहरों में मकानों की बिक्री इस साल जनवरी से जून के दौरान 54 प्रतिशत घटकर 59,538 इकाई रह गई, जो पिछले एक दशक में सबसे कम है।
नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप और मार्च के अंत में लागू लॉकडाउन के कारण बिक्री में यह गिरावट हुई।
यह भी पढ़े | जान्हवी कपूर की 'गुंजन सक्सेना' की रिलीज डेट आई सामने, इस दिन देख सकेंगे दर्शक.
प्रॉपर्टी सलाहकार की प्रमुख रिपोर्ट- ‘इंडिया रियल एस्टेट: एच1 2020’ बृहस्पतिवार को जारी हुई, जिसमें नाइट फ्रैंक इंडिया ने कहा कि देश के आठ प्रमुख शहरों- दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद और अहमदाबाद में जनवरी से मार्च के दौरान मकानों की बिक्री 27 प्रतिशत घटकर 49,905 इकाई रह गई।
रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद अप्रैल से जून के बीच बिक्री 84 प्रतिशत घटकर 9,632 इकाई रह गई। इस दौरान लॉकडाउन के कारण मांग बुरी तरह प्रभावित हुई और दिल्ली-एनसीआर, चेन्नई और हैदराबाद में लगभग कोई मांग नहीं थी।
यह भी पढ़े | महाराष्ट्र: पुणे की येरवडा जेल से 5 कैदी फरार, अस्थायी जेल की खिड़की की सलाखें तोड़कर भागे.
नाइट फ्रैंक इंडिया के सीएमडी शिशिर बैजल ने कहा कि आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र पहले ही संकट से गुजर रहा था और वर्तमान संकट ने उसे बुरी तरह प्रभावित किया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने तरलता बढ़ाने के उपायों की घोषणा की है और नीतिगत ब्याज दर में कटौती की है, हालांकि इसमें सरकार के साथ की तत्काल आवश्यकता है।
बैजल ने कहा, ‘‘अगस्त में ऋण अदायगी को टालने की अवधि खत्म होने के बाद, हम आशा करते हैं कि सरकार सकारात्मक हस्तक्षेप करेगी, जैसे डेवलपर्स के ऋणों का पुनर्गठन और साथ ही कम से कम खुदरा आवास ऋण की अदायगी को टालने की सुविधा का विस्तार।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)