नयी दिल्ली, 10 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि केंद्र अपनी नीति के अनुसार राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम और कोविड-19 के खिलाफ टीकों की आपूर्ति जारी रखेगा।
केंद्र ने ‘‘कम’’ दरों पर कोविड-19 रोधी टीकों की आपूर्ति का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ को बताया कि वह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मुफ्त टीके उपलब्ध करा रहा है।
केंद्र सरकार के वकील अनुराग अहलूवालिया ने कहा कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को सरकारी केंद्रों पर मुफ्त में कोविड-19 के टीके दे रहे हैं।
केंद्र के रुख के मद्देनजर पीठ ने कहा कि मामले की निगरानी करने का कोई कारण नहीं है। पीठ ने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि प्रतिवादी सरकार राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम जारी रखेगी और वे अपनी नीति के अनुसार कोविड-19 टीकों की आपूर्ति जारी रखेंगे।’’
याचिकाकर्ता राकेश ने मई महीने में दाखिल याचिका में देश में कोविड-19 टीकों की लागत में वृद्धि को रेखांकित करते हुए कहा था कि अधिकांश लोगों के लिए टीकों की राशि का भुगतान करना ‘‘आसान नहीं’’ है।
याचिका में कहा गया था, ‘‘पहले निजी अस्पताल में कोवैक्सीन की कीमत 250 रुपये थी और यह भुगतान करना आसान था… हैदराबाद की टीका निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने अब कोवैक्सीन की कीमत राज्य सरकार के लिए 600 रुपये प्रति खुराक पर तय की है और यह निजी अस्पतालों के लिए 1200 रुपये है जो भारत में बहुत अधिक है।’’ याचिका में कहा गया, ‘‘कोविशील्ड टीका बनाने वाली पुणे की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने राज्य सरकार के लिए प्रति खुराक 400 रुपये और निजी अस्पताल के लिए 600 रुपये निर्धारित की है।’’
याचिकाकर्ता ने कहा था कि मुफ्त टीकाकरण करना केंद्र सरकार का कर्तव्य है लेकिन पर्याप्त मात्रा में खुराक उपलब्धता की कमी के कारण ऐसा नहीं हो रहा।
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