नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर देश के आठ प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर की तिमाही के दौरान घरों की बिक्री में सालाना आधार पर 57 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है। इस दौरान घरों की बिक्री का आंकड़ा घटकर 35,132 इकाई रह गया।
जुलाई-सितंबर, 2019 के दौरान आठ प्रमुख शहरों में आवासीय इकाइयों की बिक्री 81,886 इकाई रही थी।
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रीयल एस्टेट ब्रोकरेज कंपनी प्रॉपटाइगर की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। हालांकि, इससे पिछली यानी अप्रैल-जून की तिमाही की तुलना की जाए, तो जुलाई-सितंबर के दौरान घरों की बिक्री में उल्लेखनीय सुधार दर्ज हुआ है।
न्यूज कॉर्प समर्थिक प्रॉपटाइगर ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये ‘रीयल इनसाइट क्यू3-2020’ रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल-जून की तिमाही की तुलना में जुलाई-सितंबर की तिमाही में घरों की बिक्री 85 प्रतिशत बढ़ी है। इसकी मुख्य वजह दबी मांग है। कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए देश में मार्च के अंतिम सप्ताह में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था।
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प्रॉपटाइगर की रिपोर्ट में आठ शहरों... अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) और पुणे के आंकड़ों को शामिल किया गया है।
प्रॉपटाइगर एंड हाउसिंग.कॉम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आवास सहित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति अब सुधर रही है। हालांकि, बिक्री तथा नई परियोजनाओं की पेशकश में सालाना आधार पर गिरावट आई है, लेकिन अप्रैल-जून की तिमाही की तुलना में मांग और आपूर्ति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारी सीजन रीयल एस्टेट क्षेत्र की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। इससे अगले 12 मांग का मांग परिदृश्य तय होगा। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल से घरों के दाम स्थिर हैं और आवास ऋण पर ब्याज दर 15 साल के निचले स्तर पर आ चुकी है। ऐसे में मौजूदा तिमाही में बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद है।
अग्रवाल ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्टाम्प शुल्क में कटौती की वजह से जुलाई-सितंबर की तिमाही में एमएमआर और पुणे में घरों की बिक्री सुधरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि अन्य राज्यों को भी संपत्ति के पंजीकरण के लिए स्टाम्प शुल्क में कटौती करनी चाहिए।
हाउसिंग.कॉम, मकान.कॉम और प्रॉपटाइगर के समूह मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) मणि रंगराजन ने कहा, ‘‘उपभोक्ता अब भी रीयल एस्टेट को सबसे स्थिर संपत्ति मानते हैं। अभी घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) जारी रहने की संभावना है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग और बेहतर घर खरीदना चाहेंगे।’’
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