गुवाहाटी, आठ दिसंबर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को ब्रह्मपुत्र नदी पर सुआलकुची और पलासबारी के बीच 12.20 किलोमीटर लंबे पुल का 'भूमिपूजन' किया।
शर्मा ने कहा कि यह नदी के दोनों किनारों पर रहने वाले लोगों के लिए एक परिवर्तनकारी पुल होगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पुल का निर्माण जून 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि सुआलकुची छोर पर आर्द्रभूमि को नुकसान न पहुंचाने के लिए पुल का एक हिस्सा एलिवेटेड कॉरिडोर भी होगा।
शर्मा ने कहा, ‘‘यह पुल ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी और दक्षिणी तटों तथा वहां के लोगों के बीच एक क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। मैं उम्मीद करता हूं कि एक दिन हर उस जिले में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक पुल होगा, जहां से यह नदी गुजरती है।’’
उन्होंने राज्य के विभिन्न भागों में प्रमुख नदी पर सम्पर्क बढ़ाने के लिए चल रही विभिन्न परियोजनाओं और प्रस्तावित परियोजनाओं का विवरण भी साझा किया।
शर्मा ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में शांति की वापसी ने राज्य के विकास को बढ़ावा दिया है, अन्य राज्यों के लोग भी असम के विकास की सराहना कर रहे हैं और बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने विधायकों से अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए दूरदर्शिता और समर्पण के साथ काम करने का आग्रह किया, जिससे राज्य की विकास गाथा को और गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘शर्मा ने आज कामरूप जिले में ब्रह्मपुत्र नदी पर पलासबाड़ी-सुआलकुची पुल के लिए भूमि पूजन किया, जिसकी आधारशिला 14 अप्रैल, 2023 को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रखी गई थी। ’’
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