शिमला, तीन अप्रैल हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के सदन से बहिर्गमन के बीच ‘हिमाचल प्रदेश लोकतंत्र प्रहरी सम्मान अधिनियम’ को सोमवार को निरस्त कर दिया।
अधिनियम को निरस्त करने के लिए लाये गये विधेयक का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया और कार्यवाही के दौरान तीखी बहस हुई।
अधिनियम को निरस्त करने के लिए लाये गये विधेयक को पेश करते हुए संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने ‘लोकंत्रत प्रहरी सम्मान’ के नाम पर धन का दुरुपयोग किया और इसका लाभ अपने चहेतों को दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘आपातकाल के दौरान किसी को जेल नहीं भेजा गया और गिरफ्तारी एहतियातन थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने ‘लोकतंत्र प्रहारी सम्मान’ के नाम पर 3.43 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च की।
नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार को अगर लोकतंत्र में आस्था है तो अधिनियम को निरस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि ऐसा सम्मान केवल स्वतंत्रता सेनानियों को दिया जाना चाहिए और भाजपा ने यह कानून लाकर लोकतंत्र की हत्या की है।
भाजपा सदस्य सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि जब दोबारा भाजपा सरकार आएगी तो ‘सम्मान राशि’ दोगुनी की जाएगी और पूर्व में नहीं भुगतान की गई राशि ब्याज सहित दी जाएगी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)