मुंबई: बॉम्बे उच्च न्यायालय (Bomay High Court) ने मध्यस्थ के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से डेक्कन चार्जर्स (Deccan Chargers) फ्रेंचाइजी टीम को कथित तौर पर गैरकानूनी रूप से बर्खास्त करने के लिए उसके स्वामित्व वाले डेक्कन क्रोनिकल होल्डिंग्स लिमिटेड (DCHL) को 4800 करोड़ रुपये का भुगतान का निर्देश दिया गया था. BCCI का बड़ा ऐलान- भारतीय महिला टीम ऑस्ट्रेलिया में खेलेगी अपना पहला पिंक बॉल टेस्ट
न्यायमूर्ति गौतम पटेल की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने पिछले साल जुलाई के आदेश को खारिज कर दिया. यह आदेश उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त एकल मध्यस्थ ने दिया था जिसे यह सुनिश्चित करने को कहा गया था कि 2012 में आईपीएल के पांचवें सत्र के दौरान फ्रेंचाइजी को रद्द करना गैरकानूनी था या नहीं.
मध्यस्थ ने बर्खास्तगी को गैरकानूनी करार देते हुए बीसीसीआई को डीसीएचएल को 4814.67 करोड़ रुपये मुआवजे के अलावा 2012 से 10 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करने को भी कहा था. अदालत के विस्तृत आदेश का इंतजार है.