चेन्नई, 26 जून मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी के खिलाफ दर्ज धन शोधन के मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए प्रधान सत्र न्यायाधीश को चार महीने का समय और दे दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय ने बालाजी को पिछले साल गिरफ्तार किया था।
सेंथिल बालाजी द्वारा दायर जमानत याचिका को खारिज करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने 28 फरवरी को कहा था कि चूंकि याचिकाकर्ता (आरोपी) लगभग आठ महीने से हिरासत में है इसलिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत को निर्देश दिया जाता है कि वह प्राथमिकता देते हुए दैनिक आधार पर सुनवाई करे और इसे तीन महीने के भीतर पूरा करे।
चूंकि तीन महीने का समय पूरा होने वाला है और मामले में मुकदमा अभी शुरू भी नहीं हुआ है इसलिए प्रधान सत्र न्यायाधीश एस अली ने मद्रास उच्च न्यायालय को पत्र लिखकर मामले में मुकदमा पूरा करने के लिए और समय मांगा था।
पत्र के आधार पर न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने मामले को अपने हाथ में लिया और प्रधान सत्र न्यायाधीश को मुकदमा पूरा करने के लिए चार महीने का अतिरिक्त समय दिया। न्यायाधीश ने सेंथिल बालाजी को भी मामले में सहयोग करने का निर्देश दिया।
बालाजी को 14 जून, 2023 को ईडी ने नौकरी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था। यह मामला उनके पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार में परिवहन मंत्री रहने के दौरान का है।
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