रांची, 23 जनवरी: झारखंड उच्च न्यायालय ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से संबंधित जेल नियमावली उल्लंघन मामले में जेल महानिरीक्षक तथा राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (Rajendra Institute of Medical Sciences) की रिपोर्टों को अधूरी बताते हुए कड़ी नाराजगी जतायी है और दोनों से अनेक बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण मांगते हुए मामले की सुनवाई पांच फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी. न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
पीठ ने जेल महानिरीक्षक की रिपोर्ट को देखने के बाद कड़ी नाराजगी जताई और कई बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा तथा रिपोर्ट को दोबारा गृह विभाग के प्रधान सचिव की सहमति के साथ पेश करने को कहा. न्यायालय ने लालू प्रसाद के स्वास्थ्य के संबंध में रिम्स से जवाब देने को कहा था लेकिन रिम्स की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया जिस पर न्यायालय ने कड़ी नाराजगी जतायी और कहा कि उसके आदेश को गंभीरता से लिया जाए.
अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने अदालत से समय देने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह जल्द ही मामले में जवाब दाखिल करेंगे. पीठ ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए उन्हें फिर से जवाब पेश करने का समय दिया और मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी को तय कर दी.
पीठ ने जेल महानिरीक्षक की रिपोर्ट को देखने के बाद कड़ी नाराजगी जताई और कई बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा तथा रिपोर्ट को दोबारा गृह विभाग के प्रधान सचिव की सहमति के साथ पेश करने को कहा. न्यायालय ने लालू प्रसाद के स्वास्थ्य के संबंध में रिम्स से जवाब देने को कहा था लेकिन रिम्स की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया जिस पर न्यायालय ने कड़ी नाराजगी जतायी और कहा कि उसके आदेश को गंभीरता से लिया जाए.
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अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने अदालत से समय देने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह जल्द ही मामले में जवाब दाखिल करेंगे. पीठ ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए उन्हें फिर से जवाब पेश करने का समय दिया और मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी को तय कर दी.