शिमला, 29 जून : हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में शनिवार रात हुई भारी बारिश के के कारण भूस्खलन की घटनाओं और पेड़ गिरने के चलते शिमला-कालका रेल मार्ग पर ट्रेन सेवाएं रविवार को बाधित हो गईं, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन के चलते यातायात कई घंटों तक अवरूद्ध रहा. वहीं, सोलन के बरोटीवाला औद्योगिक क्षेत्र में एक पुल बह गया. पुलिस अधीक्षक (एसपी) गौरव सिंह ने बताया कि शिमला-चंडीगढ़ को जोड़ने वाले शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोटी के पास भूस्खलन होने के कारण सड़क के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे दो से तीन किलोमीटर लंबा जाम लग गया. हालांकि, चक्कीमोड़ के पास दोनों ओर से यातायात बहाल कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जंगेशु मार्ग पर भी मलबा गिरने से वैकल्पिक रास्ता बंद है, जिसे साफ किया जा रहा है.
शिमला-कालका यूनेस्को विश्व धरोहर रेल मार्ग पर कोटी क्षेत्र के पास पटरियों पर चट्टानें और पेड़ गिर गए, जिससे ट्रेन सेवाएं बाधित हो गईं. अधिकारी मरम्मत कार्य में जुटे हुए हैं. सुबह आने वाली पहली ट्रेन कोटी स्टेशन पर फंसी हुई है, जबकि अन्य ट्रेनें गुम्मान और कालका स्टेशनों पर रोकी गई हैं. सोलन के बड़ोटीवाला औद्योगिक क्षेत्र में ट्रक यूनियन के पास स्थित हमुड़ा कॉम्प्लेक्स को जोड़ने वाले मार्ग पर एक पुल बह गया है, जिससे मंधाला और बग्गूवाला की ओर जाने वाली सड़क पर यातायात रूक गया है. बद्दी क्षेत्र की बालद नदी उफान पर है और झड़माजरी के पास रौद्र रूप में बह रही है, जिससे आसपास के इलाकों में नुकसान की आशंका बढ़ गई है. झड़माजरी की शिवालिक नगर कॉलोनी में करीब 20 घरों में चार फुट तक पानी भर गया है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन को इसकी सूचना दी है. यहां हर साल बारिश में जलभराव की समस्या सामने आती है. इस बीच, मंडी की जुनी खड्ड और व्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया है. प्रशासन ने लोगों से नदी किनारे न जाने और सतर्क रहने की अपील की है. यह भी पढ़ें : Mumbra Train Accident: मुंब्रा में फिर गई एक यात्री की जान! भीड़ होने की वजह से दरवाजे पर खड़ा होकर कर रहा था सफ़र, संतुलन बिगड़ने से गिरा नीचे
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के अधिकारियों ने बताया कि ब्यास नदी में लगभग 44,000 क्यूसेक पानी बह रहा है और गाद स्तर 4,000 पीपीएम तक पहुंच गया है, जिसके चलते बग्गी सुरंग बंद कर दी गई है और देहर पावर हाउस में बिजली उत्पादन अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. शनिवार शाम से जोगिंदरनगर में 135 मिमी, कसौली में 125 मिमी, हाहू में 119.5 मिमी, पांवटा साहिब में 116.8 मिमी, बिजाही में 102 मिमी, सुंदरनगर में 96 मिमी, शिमला में 91 मिमी, कुफरी में 89 मिमी और सोलन में 85.6 मिमी बारिश दर्ज की गई. स्थानीय मौसम कार्यालय ने सोमवार को राज्य के कुछ हिस्सों के लिए ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है और पांच जुलाई तक बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान जताया है. इसके अलावा, बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर और ऊना जिलों के हिस्सों में बाढ़ की चेतावनी दी गई है. राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से बारिश संबंधी घटनाओं में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि चार लोग लापता हैं.













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