तिरुवनंतपुरम, 21 मई केरल के कम से कम 10 जिलों में शनिवार और रविवार को भारी बारिश होने की संभावना है और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है, जबकि इडुक्की जिला प्रशासन ने अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए कल्लारकुट्टी और पंबला बांधों के फाटक खोल दिए हैं।
आईएमडी ने शनिवार के लिए तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पथनमथिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम, एर्णाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, मालप्पुरम और कोझीकोड जिलों के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है, जबकि वायनाड में भी 22 मई के लिये ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है।
‘रेड अलर्ट’ 24 घंटों में 20 सेंटीमीटर से अधिक की भारी से बेहद भारी बारिश का संकेत देता है, जबकि ‘ऑरेंज अलर्ट’ का मतलब 6 सेंटीमीटर से लेकर 20 सेंटीमीटर तक बहुत भारी बारिश होता है। ‘येलो अलर्ट’ का मतलब है 6 से 11 सेंटीमीटर के बीच भारी बारिश।
इडुक्की जिले के अधिकारियों ने सूचित किया है कि चूंकि कल्लारकुट्टी बांध का जल स्तर 455 मीटर के खतरे के निशान के स्तर पर पहुंच गया है, इसलिए 300 क्यूमेक्स पानी छोड़ने के लिए फाटक खोल दिए गए हैं।
कुछ इसी तरह का मामला पर्वतीय जिले में पंबला बांध में भी देखा गया, इसलिए अधिकारियों ने 500 क्यूमेक्स पानी छोड़ने के लिए बांध के फाटक खोल दिए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने पानी के प्रवाह को लेकर पेरियार नदी के किनारे लोगों को सतर्क रहने को कहा है।
आईएमडी ने कहा, ‘‘उत्तरी केरल तट पर 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी जाती है।’’
आईएमडी की वेबसाइट के अनुसार, केरल में 12 से 18 मई की अवधि के दौरान 237 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। आम तौर पर इस अवधि के दौरान राज्य में 47.3 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन केरल में इस साल 159.3 मिलीमीटर बारिश हुई।
इसी अवधि के दौरान तिरुवनंतपुरम में 436 प्रतिशत, जबकि कन्नूर में 377 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। त्रिशूर में 346 प्रतिशत अतिरिक्त वर्षा हुई। इस अवधि के दौरान राज्य के सभी जिलों में ‘‘अत्यधिक वर्षा’’ हुई।
आईएमडी ने पहले पूर्वानुमान जताया था कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण केरल में इसकी सामान्य शुरुआत की तारीख से पांच दिन पहले 27 मई तक पहली बारिश होने की संभावना है। केरल में दक्षिण पश्चिम मानसून को एडवापति के नाम से भी जाना जाता है।
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