देश की खबरें | बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की निष्पक्ष जांच के अनुरोध वाली याचिकाओं पर सुनवाई पूरी

कोलकाता, तीन अगस्त कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उन जनहित याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रख लिया जिनमें पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की कथित हिंसा की निष्पक्ष जांच कराये जाने का अनुरोध किया गया है।

उच्च न्यायालय ने इस मामले में सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया।

जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ के निर्देश पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) अध्यक्ष द्वारा गठित सात सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की सिफारिश की है और इन मामलों की सुनवाई राज्य के बाहर होनी चाहिए।

समिति ने कहा कि अन्य मामलों की जांच अदालत की निगरानी वाली एसआईटी (विशेष जांच दल) द्वारा की जानी चाहिए और निर्णय के लिए फास्ट ट्रैक अदालत, विशेष लोक अभियोजक और गवाह सुरक्षा योजना होनी चाहिए।

मामले की सुनवाई मंगलवार को समाप्त हुई और कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्तियों आई पी मुखर्जी, हरीश टंडन, सौमेन सेन और सुब्रत तालुकदार की पीठ ने आदेश सुरक्षित रख लिया।

भारत संघ की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वाई जे दस्तूर ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार सीबीआई जैसी किसी भी केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा जांच करने के लिए तैयार है।

जनहित याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा के परिणामस्वरूप लोगों पर हमला किया गया, घरों से पलायन किया गया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। याचिका में जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा के साथ निष्पक्ष जांच का अनुरोध किया गया है।

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