देश की खबरें | कृष्ण जन्मभूमि से जुड़े सभी मुकदमों में सुनवाई शुरू

प्रयागराज, चार दिसंबर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा जिले में श्री कृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़े सभी 17 मुकदमों में सुनवाई सोमवार को शुरू की और प्रतिवादी ‘यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड’ को सभी मामलों में दो सप्ताह के भीतर अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित 17 मामलों के रिकॉर्ड इलाहाबाद उच्च न्यायालय को सोमवार को मथुरा की अदालत से प्राप्त हो गए।

वादी और प्रतिवादी के वकीलों की पेशी दर्ज करने के बाद न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने इस मामले की सुनवाई टाल दी। इन मामलों में दो सप्ताह बाद सुनवाई होने की संभावना है।

यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील पुनीत कुमार गुप्ता ने अदालत को बताया कि मथुरा की जिला अदालत से ये मुकदमे इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित किए गए हैं। उनका कहना था कि इनमें से 16 मुकदमों में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पक्षकार हैं, इसलिए इन मामलों में जवाब दाखिल किया जाना है।

इससे पूर्व, 16 नवंबर, 2023 को न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की अदालत ने एक मामले में मथुरा में शाही ईदगाह परिसर (कृष्ण जन्मभूमि) का सर्वेक्षण करने के लिए अधिवक्ता आयुक्त की नियुक्ति के मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। हिंदू पक्ष के मुताबिक, कथित तौर पर भगवान श्री कृष्ण के जन्मस्थान पर मस्जिद ईदगाह का निर्माण किया गया है।

इस उच्च न्यायालय में लंबित सभी मूल वादों में यह घोषणा करने की मांग की गई है कि जिस स्थान पर शाही ईदगाह मस्जिद स्थित है, वह भगवान श्री कृष्ण विराजमान की जमीन है। साथ ही प्रतिवादियों को वह मस्जिद हटाने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।

इन मुकदमों में यह भी दावा किया गया है कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश के तहत किया गया था और वह स्थान भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मानी जाती है और मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 26 मई, 2023 को श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़े मुकदमे मथुरा की अदालत से अपने पास स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।

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