देश की खबरें | हिंदुत्व को नहीं छोड़ा है, लेकिन भाजपा का ‘सड़ा हुआ’ संस्करण स्वीकार्य नहीं : उद्धव ठाकरे

नासिक, 16 अप्रैल शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि उन्होंने हिंदुत्व की विचारधारा का त्याग नहीं किया है, लेकिन उनकी पूर्व सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हिंदुत्व का ‘सड़ा हुआ’ संस्करण उन्हें स्वीकार्य नहीं है।

ठाकरे ने उत्तर महाराष्ट्र के नासिक में शिवसेना (उबाठा) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह भी सुझाव दिया कि राज्य की भाजपा-नीत सरकार को मुंबई में राजभवन परिसर को छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक में बदल देना चाहिए तथा राज्यपाल आवास किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर देना चाहिए।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर भाजपा वास्तव में 17वीं सदी के मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान करती है तो केंद्र सरकार को उनकी जयंती पर देशव्यापी अवकाश घोषित करना चाहिए।

भाजपा से 2019 में अलग हो चुके ठाकरे ने कहा कि अविभाजित शिवसेना के बिना केंद्र और राज्य की मौजूदा सत्तारूढ़ पार्टी उस स्थिति में नहीं पहुंच पाती कि अयोध्या में राम मंदिर बन सके।

ठाकरे ने आरोप लगाया कि भाजपा ने झूठा विमर्श प्रस्तुत किया कि शिवसेना (उबाठा)ने हिंदुत्व के रास्ते को छोड़ दिया है। शिवसेना(उबाठा) नेता ने कहा कि मुसलमानों ने उनकी पार्टी का समर्थन सिर्फ इसलिए किया, क्योंकि मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने सभी के साथ समान व्यवहार किया।

ठाकरे ने कहा, ‘‘मैंने भाजपा से नाता तोड़ा है, हिंदुत्व से नहीं। मैं मर भी जाऊं तो भी हिंदुत्व नहीं छोड़ूंगा।’’उन्होंने कहा कि शिवसेना (उबाठा)के हिंदुत्व का मतलब राष्ट्रवाद है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कि मशाल पार्टी का चुनाव चिह्न हो सकता है लेकिन भगवा रंग इसकी पहचान है।

भाजपा ने आरोप लगाया था कि ठाकरे ने उनका साथ छोड़ जबसे कांग्रेस से गठबंधन किया है तब से हिंदू राष्ट्रवाद का परित्याग कर दिया है। इसके जवाब में शिवसेना (उबाठा) अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं भाजपा के सड़े हुए हिंदुत्व की परि को स्वीकार नहीं करता।’’

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