नयी दिल्ली, 23 सितंबर: खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा में तनातनी के बीच सूत्रों ने बताया कि वह (निज्जर) कोई धार्मिक और सामाजिक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक आतंकवादी था, जो आतंकी प्रशिक्षण शिविर चलाने और आतंकवादी कृत्यों के वित्तपोषण में शामिल था. हरदीप सिंह निज्जर, गुरदीप सिंह उर्फ दीपा हेरनवाला का करीबी सहयोगी था। हेरनवाला 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में पंजाब में लगभग 200 लोगों की हत्या में शामिल था। हेरनवाला प्रतिबंधित खालिस्तान कमांडो फोर्स से जुड़ा हुआ था.
प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख और भारत के वांछित आतंकवादियों में शामिल हरदीप सिंह निज्जर (45) की कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया मे 18 जून को एक गुरुद्वारे की पार्किंग में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. उसपर 10 लाख रुपये का नकद इनाम था. सूत्रों के मुताबिक निज्जर भारत में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के डर से 1996 में कनाडा भाग गया था और आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन की व्यवस्था करने के लिए कनाडा में मादक पदार्थों की तस्करी और जबरन वसूली जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल हो गया था.
सूत्रों ने कहा कि निज्जर भारत में हमले करने के लिए ब्रिटिश कोलंबिया के एक आतंकी शिविर में युवाओं को प्रशिक्षण देने में भी शामिल था. इन वर्षों में निज्जर ने प्रतिबंधित आतंकवादी समूह खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के 'अभियान प्रमुख' की भी भूमिका निभाई वर्ष 2020 में उस पर भारत सरकार ने केटीएफ सदस्यों के ''संचालनकर्ता, नेटवर्किंग, प्रशिक्षण और वित्तपोषण'' में सक्रिय रूप से शामिल होने का आरोप लगाया था. निज्जर ने 2012 में पाकिस्तान का दौरा किया था और वह एक अन्य प्रतिबंधित आतंकवादी समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल के प्रमुख जगतार सिंह तारा के संपर्क में आया था.
जगतार सिंह तारा ने निज्जर को हथियार मुहैया कराए और 2012 और 2013 में उसे आईईडी 'असेंबल' करने का प्रशिक्षण दिया. उसने हाथ वाले जीपीएस डिवाइस को चलाने का प्रशिक्षण देने के लिए अमेरिका में रह रहे हरजोत सिंह बिरिंग को निज्जर के पास कनाडा भेजा. सूत्रों ने बताया कि निज्जर ने तारा को 10 लाख पाकिस्तानी रुपये भी भेजे थे.
निज्जर ने वर्ष 2014 में तारा के निर्देश पर हरियाणा के सिरसा में डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय पर आतंकी हमले की योजना बनाई. हालांकि, यह हमला नहीं हो सका, क्योंकि निज्जर को भारतीय वीजा देने से इनकार कर दिया गया था. निज्जर ने कथित तौर पर 2021 में कनाडा के सरे में स्थित स्थानीय गुरुद्वारे के अध्यक्ष पद पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया. हिंसा की धमकियां देते हुए अपने चचेरे भाई रघबीर सिंह निज्जर को जबरन पद से हटा अध्यक्ष पद कब्जा लिया.
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादी मनदीप सिंह धालीवाल से जुड़े एक मॉड्यूल को खड़ा करने के लिए निज्जर के खिलाफ कई मामले दर्ज किए हैं और साथ ही इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया है. निज्जर एक अन्य प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) की कनाडा इकाई का भी प्रमुख था. सूत्रों के अनुसार निज्जर ने कनाडा में हिंसक भारत विरोधी प्रदर्शन भी आयोजित किया था और भारतीय राजनयिकों को धमकी दी थी. निज्जर ने कनाडा में स्थानीय गुरुद्वारों द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए भारतीय दूतावास के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया था.
ट्रूडो ने ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी अलगाववादी नेता निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता का आरोप लगाया है जिससे कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक विवाद शुरू हो गया है. भारत ने इन आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ कहकर आक्रामक रूप से खारिज कर दिया और इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया. भारत ने बृहस्पतिवार को कनाडा से उसके देश से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे आतंकवादियों और भारत विरोधी तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा था और कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित कर दी थी.
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