इस प्रस्ताव में युद्ध की समाप्ति और गाजा से सैनिकों की पूर्ण वापसी का उल्लेख है. चरमपंथी समूह ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा कि उसने मध्यस्थों को सूचित किया है कि वह अपनी मूल स्थिति पर कायम है, जिसे मार्च की शुरुआत में बताया गया था.
इसमें कहा गया है कि इजराइल ने ‘व्यापक युद्धविराम, गाजा पट्टी से (इजराइली सैनिकों की) वापसी, विस्थापित लोगों की वापसी और वास्तविक कैदियों की अदला-बदली’ की उसकी मूल मांगों का जवाब नहीं दिया है. हमास के बयान से कुछ समय पहले ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने गाजा में बंदी बनाए गए सभी लोगों की रिहाई और तत्काल युद्धविराम करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. यह भी पढ़ें: भारत राष्ट्रीय संप्रभुत्ता को बनाए रखने में फिलीपीन का समर्थन करता है : जयशंकर
इस संबंध में मतदान से इजराइल और अमेरिका के बीच गतिरोध पैदा हो गया. अमेरिका ने सोमवार को मतदान में अपने ‘वीटो’ अधिकार का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया. जवाब में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल की प्रस्तावित वाशिंगटन यात्रा को निरस्त कर दिया. नेतन्याहू ने हमास की मांगों को खारिज कर दिया है.