कोलकाता, 19 नवंबर : संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता हन्नन मोल्ला ने तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने को ‘‘ऐतिहासिक’’ कदम बताते हुए शुक्रवार को कहा कि अभी किसानों का केवल आधा मकसद पूरा हुआ है और वे अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून के लिए दबाव बनाएंगे.
अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के महासचिव मोल्ला ने कहा कि संसद में कानून निरस्त किए जाने तक वह सतर्क रहेंगे, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार ‘‘विश्वसनीय नहीं’’ है. यह भी पढ़ें : पंजाब में फिर होगा अकाली दल और BJP का गठबंधन? कैप्टन अमरिंदर भी साथ निभाने को तैयार
मोल्ला ने ‘पीटीआई ’ से कहा, ‘‘यह वास्तव में हम सबके लिए एक ऐतिहासिक जीत है. हालांकि मैं थोड़ा सतर्क हूं और इस सरकार पर तब तक भरोसा नहीं करना चाहता, जब तक इन तीनों कानूनों को संसद में निरस्त नहीं कर दिया जाता.’’