प्रयागराज, एक फरवरी वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने मस्जिद परिसर के भीतर व्यास जी के तहखाना में हिंदू भक्तों को पूजा अर्चना की अनुमति देने के वाराणसी की अदालत के निर्णय को चुनौती देने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का बृहस्पतिवार को रुख किया।
इंतेजामिया कमेटी के वकील एसएफए नकवी ने कहा कि उन्होंने इस मामले पर जल्द सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय के महानिबंधक के समक्ष आवेदन किया है।
अदालत में दाखिल अपील में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के न्यासी मंडल और आचार्य वेद व्यास पीठ मंदिर के मुख्य पुजारी शैलेन्द्र कुमार पाठक को पक्षकार बनाया गया है।
वाराणसी की अदालत के निर्णय के खिलाफ दाखिल अपील में दलील दी गई है कि यह वाद स्वयं में पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के तहत पोषणीय नहीं है। साथ ही तहखाना का व्यास परिवार के स्वामित्व में होने या पूजा आदि के लिए देखरेख किए जाने की कोई चर्चा नहीं थी जैसा कि मौजूदा वाद में दावा किया गया है।
अपील में यह भी आरोप है कि इस वाद को दायर करने का मुख्य उद्देश्य ज्ञानवापी मस्जिद के संचालन को लेकर कृत्रिम विवाद पैदा करने का एक प्रयास है जहां नियमित रूप से नमाज अदा की जाती है।
इस बीच, हिंदू पक्ष को सुनने के लिए उनकी ओर से अदालत में एक कैविएट दाखिल किया गया है।
इससे पूर्व दिन में उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में वाराणसी की जिला अदालत के आदेश के खिलाफ इंतेजामिया कमेटी को उच्च न्यायालय जाने को कहा था।
वाराणसी की अदालत ने बुधवार को हिंदू श्रद्धालुओं को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर व्यास जी के तहखाना में पूजा अर्चना करने की अनुमति दी थी। अदालत ने कहा था कि जिला प्रशासन अगले सात दिनों के भीतर इस संबंध में आवश्यक व्यवस्था करे।
राजेंद्र
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