गुरुग्राम, पांच नवंबर: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को कहा कि गुरुग्राम को केंद्र के ‘स्मार्ट सिटी’ मिशन में शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि राज्य सरकार चाहती है कि यह स्मार्ट सिटी नहीं, बल्कि ‘स्मार्टेस्ट सिटी’ हो. खट्टर एक फ्लाईओवर और अंडरपास के उद्घाटन कार्यक्रम के बाद लोगों को सम्बोधित कर रहे थे. मेवात के चांदडाका गांव में सरपंच चुनाव के दौरान दो पक्ष में जमकर हुआ झगड़ा, चली गोलियां- Watch Video.
उन्होंने कहा कि 141 करोड़ रुपये की लागत से बसई चौक पर फ्लाईओवर और मुख्य बस स्टैंड के पास महावीर चौक पर अंडरपास बनाया गया है, जिससे शहर में यातायात सुगम होगा और लोगों को जाम से राहत मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि गुरुग्राम को एक विकसित शहर बनाने के लिए आठ साल पहले शुरू हुई यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ा गया है. पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए खट्टर ने कहा कि उन्होंने गुरुग्राम का दोहन किया है और इसके विकास की ओर कभी ध्यान नहीं दिया, पिछली सरकारों की विभिन्न विकास योजनाएं कागजों पर ही रहीं और उन्हें क्रियान्वित नहीं किया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा, "जब केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन लागू किया था, तब गुरुग्राम को इसमें शामिल नहीं किया गया था, क्योंकि हमारा लक्ष्य गुरुग्राम को सिर्फ स्मार्ट नहीं, बल्कि सबसे स्मार्ट शहर बनाना है."
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए केंद्र सरकार 500 करोड़ रुपये आवंटित करती है, जबकि गुरुग्राम में 1,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और कई अन्य परियोजनाओं पर काम चल रहा है.
उन्होंने कहा कि हुडा सिटी सेंटर से गुरुग्राम तक मेट्रो लाइन बिछाने, पालम विहार क्षेत्र को द्वारका सेक्टर-21 तक जोड़ने की परियोजना को मंजूरी मिल गई है. उन्होंने गुरुग्राम महानगर विकास अधिकरण (जीएमडीए) के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही 542 करोड़ रुपये की परियोजना मल्टी-स्पेशियलिटी शीतला माता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का भी उल्लेख किया.
कार्यक्रम में बादशाहपुर विधायक राकेश दौलताबाद, गुरुग्राम विधायक सुधीर सिंगला और जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल शामिल हुए. इस अवसर पर बसई गांव और उसके आसपास के क्षेत्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को पगड़ी भेंट कर सम्मानित किया.
इस बीच, ग्रामीणों के एक समूह ने गांव में एक डंपिंग स्टेशन के निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और इसे दूसरी जगह स्थानांतरित करने की मांग की.
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से कहा कि यह एक अस्थायी सुविधा है और बंधवाड़ी में एक नया संयंत्र बनने के बाद इसे स्थानांतरित कर दिया जाएगा. ग्रामीणों के अपनी मांग पर अड़े रहने के बाद मुख्यमंत्री ने डंपिंग स्टेशन को स्थानांतरित करने पर सहमति जता दी.
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