नयी दिल्ली, 28 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को शतरंज विश्व चैंपियन डी गुकेश से मुलाकात की और उन्हें एक आत्मविश्वासी युवा खिलाड़ी बताया जो शांति और विनम्रता का प्रतीक है।
सिंगापुर में खेले गए विश्व चैंपियनशिप के मुकाबले में 18 साल के गुकेश ने अपने धैर्य और साहस का परिचय देते हुए चीन के डिंग लिरेन को हराकर सबसे कम उम्र के शतरंज विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। उन्होंने रूस के गैरी कास्परोव को पीछे छोड़ा जो 1985 में 22 साल की उम्र में विश्व चैंपियन बने थे।
मोदी ने गुकेश और उनके माता-पिता के साथ मुलाकात के बाद एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘ शतरंज चैंपियन और भारत के गौरव डी गुकेश के साथ बातचीत शानदार रही। मैं पिछले कुछ वर्षों से उनके साथ संपर्क में रहा हूं और जो चीज मुझे उनके बारे में सबसे ज्यादा प्रभावित करती है वह है उनका दृढ़ संकल्प और समर्पण। उनका आत्मविश्वास वास्तव में प्रेरणादायक है।’’
मोदी ने लिखा, ‘‘दरअसल मुझे याद है कि मैंने कुछ साल पहले उनका एक वीडियो देखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि वह सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनेंगे। एक भविष्यवाणी जो अब उनके प्रयासों के कारण स्पष्ट रूप से सच हो गई है।’’
गुकेश महान विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘आत्मविश्वास के साथ-साथ, गुकेश शांति और विनम्रता का प्रतीक है। जीतने पर वह शांत था, अपनी उपलब्धि का आनंद ले रहा था और पूरी तरह से समझ रहा था कि कड़ी मेहनत से हासिल की गई जीत के साथ कैसे आगे बढ़ना है। आज हमारी बातचीत योग और ध्यान की परिवर्तनकारी क्षमता पर केंद्रित रही।’’
गुकेश ने इस साल की शुरुआत में बुडापेस्ट में शतरंज ओलंपियाड में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी।
मोदी ने गुकेश के माता-पिता को भी अपने बेटे की विश्व खिताब की यात्रा में पूरे दिल से समर्थन करने के लिए सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक खिलाड़ी की सफलता में उनके माता-पिता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मैंने गुकेश के माता-पिता को हर दुख-सुख में उसका समर्थन करने के लिए बधाई दी। उनका समर्पण उन अनगिनत युवाओं के माता-पिता को प्रेरित करेगा जो खेल को करियर के रूप में अपनाने का सपना देखते हैं।’’
इस युवा ग्रैंडमास्टर ने मोदी को शतरंज की वह बिसात उपहार में दी जिस पर उन्होंने बाजी जीती थी।
प्रधानमंत्री ने लिखा, ‘‘मुझे गुकेश से शतरंज की वह बिसात पाकर भी खुशी हुई जिस पर उन्होंने जीत दर्ज की थी। उनके और डिंग लिरेन दोनों के हस्ताक्षर वाली शतरंज की बिसात एक यादगार स्मृति चिन्ह है।’’
गुकेश ने मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आज, मुझे हमारे माननीय प्रधानमंत्री से मिलने का सम्मान मिला। यह मेरे जीवन के सबसे यादगार क्षणों में से एक था। मैं प्रधानमंत्री का व्यस्तता के बावजूद मुझसे मिलने के लिए समय निकालने के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।’’
गुकेश ने एक्स पर लिखा, ‘‘उनका समर्थन और प्रोत्साहन मेरे जैसे युवाओं के लिए प्रेरणा का काम करता है। मैं उनकी उदारता और विचारशीलता से वास्तव में आभारी महसूस कर रहा हूं।’’
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