अहमदाबाद, 25 अक्टूबर : गुजरात उच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ न्यायाधीश ने एक खुली अदालत में एक मामले पर असहमति के बाद पीठ में शामिल अपनी सहयोगी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए दिखाने वाला एक वीडियो सामने आने के दो दिन बाद बुधवार को इस प्रकरण पर माफी मांगी और फिर अदालत का सत्र शुरू किया. न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव ने कहा कि सोमवार को अदालत में जो कुछ हुआ, उसके लिए उन्हें खेद है. मंगलवार को दशहरा के कारण अदालत बंद थी. पीठ के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति वैष्णव की 23 अक्टूबर को उप न्यायाधीश न्यायमूर्ति मौना भट्ट के साथ तीखी बहस हुई थी. यह घटना तब हुई थी जब न्यायमूर्ति वैष्णव एक मामले में आदेश पारित कर रहे थे और न्यायमूर्ति भट्ट इससे सहमत नहीं थीं.
न्यायमूर्ति वैष्णव ने सत्र शुरू होते ही खंडपीठ में शामिल न्यायमूर्ति मौना भट्ट की मौजूदगी में कहा, ‘‘सोमवार को जो हुआ, वह नहीं होना चाहिए था. मैं गलत था. मुझे इसके लिए खेद है, और हम एक नया सत्र शुरू करते हैं." न्यायमूर्ति वैष्णव और न्यायमूर्ति भट्ट की खंडपीठ के सोमवार के सत्र का वीडियो गुजरात उच्च न्यायालय के आधिकारिक यूट्यूब पेज से हटा दिया गया था. सोशल मीडिया पर प्रसारित घटना के एक कथित वीडियो में न्यायमूर्ति भट्ट तब कुछ बड़बड़ाते हुई दिखाई दीं जब न्यायमूर्ति वैष्णव फैसला सुना रहे थे. यह भी पढ़ें : भाजपा ने कर्नाटक में फर्जी पहचान पत्र के मामले में सीबीआई या एनआईए से जांच की मांग की
इस पर न्यायमूर्ति वैष्णव ने कहा, ‘‘तो आपकी राय अलग है... हमारी राय एक (मामले) में अलग है, हमारी राय दूसरे में अलग हो सकती है.’’ न्यायमूर्ति भट्ट ने तब कहा, ‘‘यह मतभेद का सवाल नहीं है.’’ इस पर न्यायमूर्ति वैष्णव ने कहा, ‘‘तो बड़बड़ाओ मत, आप एक अलग आदेश पारित करें. हम अन्य मामले नहीं ले रहे हैं.’’ इसके बाद वह उठे और अदालत कक्ष से बाहर चले गये.