अहमदाबाद, 23 दिसंबर गुजरात सरकार ने कदाचार और आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए पीएमजेएवाई-एमए सूचीबद्ध अस्पतालों में कार्डियोलॉजी, रेडियोलॉजी और नवजात शिशुओं संबंधी उपचार के लिए सोमवार को एक नयी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने यह जानकारी दी।
नयी एसओपी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के दो लाभार्थियों की अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में गलत एंजियोप्लास्टी उपचार के बाद मृत्यु हो जाने के कुछ सप्ताह बाद जारी की गई।
जांच से पता चला कि ख्याति मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल ने गांवों में मुफ्त जांच शिविर आयोजित किए थे, ताकि पीएमजेएवाई कार्डधारकों को एंजियोप्लास्टी करवाने के लिए राजी किया जा सके, जबकि उन्हें इसकी कोई चिकित्सकीय जरूरत नहीं थी। सरकारी मंजूरी में तेजी लाने के लिए उन्हें ‘‘आपातकालीन’’ श्रेणी में दिखाया गया, जिसके बाद अस्पताल ने केंद्रीय योजना के तहत भुगतान का दावा किया।
पटेल ने कहा, ‘‘नयी एसओपी को विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, ताकि गुजरात में पीएमजेएवाई योजना के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पतालों द्वारा किसी भी तरह की गड़बड़ी या आपराधिक गतिविधियों की कोई गुंजाइश न रहे।’’
नए दिशा-निर्देशों में पीएमजेएवाई-एमए (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-मुख्यमंत्री अमृतम) योजना के तहत कार्डियोलॉजी रोगियों का इलाज करने वाले अस्पतालों को पूर्व-मंजूरी चरण में एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की सीडी/वीडियोग्राफी अपलोड करना अनिवार्य किया गया है।
आपातकालीन स्थिति में, उपचार के बाद यह सीडी/वीडियोग्राफी अपलोड करनी होगी। ऑन्कोलॉजी (कैंसर मामलों) के लिए, अस्पतालों को ट्यूमर बोर्ड से एक प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा, जिसमें मेडिकल, सर्जिकल और रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट का एक संयुक्त पैनल शामिल है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रोगी की ज़रूरत के अनुसार उपचार योजना तय की गई है।
पटेल ने कहा कि केवल उन कार्डियोलॉजी केंद्रों को कार्डियोलॉजी क्लस्टर के रूप में नामित किया जा सकता है, जिनमें पूर्णकालिक हृदय रोग विशेषज्ञ और कार्डियो-थोरैसिक सर्जन हों, ताकि लाभार्थी रोगियों के लिए सर्वोत्तम निर्णय सुनिश्चित किया जा सके।
मंत्री ने कहा कि नवजात शिशु देखभाल के लिए दिशा-निर्देश विभिन्न अभ्यावेदनों, विशेष रूप से एनआईसीयू में बच्चों को दिए जाने वाले उपचार पर विचार करने के बाद तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण उपचार सुनिश्चित करने के संबंध में अस्पतालों को माताओं की गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे।’’
पटेल ने कहा कि इसके अतिरिक्त, तालुका स्वास्थ्य अधिकारी नियमित रूप से एनआईसीयू का दौरा करेंगे और राज्य प्राधिकरण को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
ग्यारह नवंबर को ख्याति मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में सात लोगों की एंजियोप्लास्टी की गई थी। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हृदय में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए अवरुद्ध या संकुचित कोरोनरी धमनियों को चौड़ा किया जाता है। उपचार के बाद उनमें से दो की मौत हो गई।
इसके बाद वस्त्रपुर पुलिस ने अगले दिन तीन प्राथमिकियां दर्ज कीं। पुलिस ने अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें अस्पताल के निदेशक, एक विजिटिंग कार्डियोलॉजिस्ट, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), एक विपणन निदेशक और एक विपणन अधिकारी शामिल हैं।
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