अहमदाबाद, 27 मई सरकारी गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (जीबीआरसी) के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि उन्होंने कोविड-19 मरीजों से लिये गए नमूनों से 131 सार्स-सीओवी-2 जीनोम डिकोड किये हैं। इससे इस संक्रमण का टीका विकसित करने में मदद मिलेगी।
सार्स-सीओवी-2 ही वह वायरस है जो कोविड-19 संक्रमण के लिए जिम्मेदार है।
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गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सोमवार को ट्विटर पर लिखा कि उन्हें इस उपलब्धि पर गर्व है क्योंकि इससे टीका विकसित करने में मदद मिलेगी।
जीबीआरसी ने एक ट्वीट में कहा कि भारत ने अभी तक 366 सार्स-सीओवी-2 जीनोम प्रस्तुत किये हैं, इनमें से 131 संस्थान से हैं।
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अनुसंधान संस्थान ने ट्वीट में कहा कि पूरे देश के वैज्ञानिक इन जीनोम का विश्लेषण करने के लिए आमंत्रित हैं।
उसने एक अन्य ट्वीट में कहा कि जुटाये गए जीनोम अनुक्रम और कच्चे आंकड़े एचटीटीपी :कोविडडाटजीबीआरसीडाटओआरजीडाटइन पर उपलब्ध हैं। इस डेटा के विश्लेषण के लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं है और अनुसंधानकर्ता परिणाम प्रकाशन में जीबीआरसी का उल्लेख कर सकते हैं।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जीनोम एक टीका विकसित करने में महत्वपूर्ण होगा।’’
उन्होंने कहा कि संस्थान मरीजों से ऐसे और जीनोम अनुक्रम की पहचान करने पर काम कर रहा है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘अभी तक राज्य में 17 स्थानों से एकत्रित किये गए 131 जीनोम को डीकोड किया गया है।’’
अधिकारी ने कहा कि जीबीआरसी सार्स-सीओवी-2 के संपूर्ण जीनोम अनुक्रम को 15 अप्रैल को डिकोड करने वाला नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे के बाद भारत में दूसरा संस्थान बन गया। जिसके बाद 25 मई तक इसने 131 जीनोम को डीकोड किया।
गुजरात में अभी तक कोरोना वायरस के 14,829 मामले सामने आये हैं और 915 मौतें हुई हैं।
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