नयी दिल्ली, 26 नवंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के 2001 में गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राज्य विधानसभा के पिछले चुनाव में सबसे खराब प्रदर्शन किया था और शायद इसी से सबक लेते हुए उसने इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. राज्य में पहले चरण के मतदान से पहले और पिछले 20 दिनों में प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित आधा दर्जन मुख्यमंत्री और अन्य केंद्रीय नेता लगभग 150 छोटी-बड़ी चुनावी जनसभाएं कर चुके हैं. इनमें तीन दर्जन से अधिक जनसभाएं तो सिर्फ मोदी और शाह ने संबोधित की हैं. इन दोनों के अलावा पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय मंत्री और जाति व क्षेत्र विशेष से नाता रखने वाले नेता भी राज्य के धुआंधार दौरे पर हैं.
चुनावी रणनीति से जुड़े भाजपा के एक नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री आगामी रविवार को खेड़ा, नेतरांग और सूरत में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे तथा पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेंगे. इसके अगले दिन वह चार जनसभाओं को संबोधित करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, उनकी सभाएं पलटाना, अंजार, जामनगर और राजकोट में भी प्रस्तावित हैं. शाह अमरेली, भावनगर, वड़ोदरा और अहमदाबाद की विभिन्न सीट पर प्रचार करने के बाद अन्य क्षेत्रों में प्रचार अभियान का मोर्चा संभालेंगे जबकि नड्डा पार्टी का संकल्प पत्र जारी होने के बाद हिम्मतनगर में रोड शो करेंगे. गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए एक दिसंबर और पांच दिसंबर को दो चरणों में मतदान होगा तथा मतगणना आठ दिसंबर को की जाएगी. पहले चरण में कच्छ, सुरेंद्रनगर, मोरबी, राजकोट, जामनगर, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर-सोमनाथ, अमरेली, भावनगर, बोटाद, नर्मदा, भरूच, सूरत, तापी, डांग, नवसारी और वलसाड़ जिलों की 89 सीट पर मतदान होना है. इस चरण में कुल 788 प्रत्याशी मैदान में हैं. यह भी पढ़े : भारत जोड़ो यात्रा: दिग्विजय सिंह जमीन पर गिरे, कांग्रेस ने मप्र की सड़कों को जिम्मेदार ठहराया
निर्वाचन आयोग ने तीन नवंबर को गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी और इसके साथ ही राज्य में आदर्श चुनाव संहिता लागू हो गई थी. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण गुजरात के आदिवासी बहुल वलसाड जिले की कपराड़ा से छह नवंबर को भाजपा के चुनाव अभियान का आगाज किया था. अगले दिन मोदी ने सोमनाथ में पूजा-अर्चना करने के बाद वेरावल, धोराजी, अमरेली और बोताड़ में चुनावी सभाओं को संबोधित किया. दिन भर रैली करने के बाद उन्होंने अहमदाबाद स्थित पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात भी की थी. मोदी ने इसके अगले दिन तीन चुनावी सभाएं कीं. उन्होंने पहली सभा सुरेंद्रनगर में, दूसरी जंबूसार और तीसरी नवसारी में की. प्रधानमंत्री ने 23 और 24 नवंबर को मेहसाणा, दाहोद, वड़ोदरा, भावनगर, पालनपुर मोडासा, दहेगाम और बावला में चुनावी सभाओं को संबोधित किया.
प्रधानमंत्री अपनी सभाओं में ज्यादातर समय भाजपा शासन में राज्य में किए गए विकास कार्यों को रेखांकित करते हैं और साथ ही ‘‘डबल इंजन’’ की सरकार होने के फायदे भी गिनाते हैं. केंद्र व राज्य में एक ही पार्टी की सरकार को भाजपा ‘‘डबल इंजन’’ की सरकार कहकर पुकारती है. प्रधानमंत्री सहित अन्य भाजपा नेता इसे मुद्दा बनाते हुए हर चुनावी जनसभा में उठा रहे हैं. हाल ही में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि गुजरात का यह चुनाव न तो विधायक और न ही सरकार चुनने को लेकर है, बल्कि यह अगले 25 साल के लिए राज्य की किस्मत तय करने को लेकर है. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और गुजरात की सरकारों ने राज्य में विकास के बहुत सारे काम किए हैं लेकिन अब समय ‘‘लंबी छलांग’’ लगाने का है.
भाजपा के नेता अपनी चुनावी जनसभाओं में विकास के मामले में गुजरात को सबसे अग्रणी राज्य बता रहे हैं और इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को दे रहे हैं. वे प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस और आक्रामक तरीके से चुनाव लड़ रही दिल्ली व पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी पर निशाना साधने का कोई मौका भी नहीं गंवा रहे हैं. गुजरात में मोदी के बाद सबसे बड़े स्टार प्रचारक की भूमिका में अमित शाह दिख रहे हैं. वह भी अब तक डेढ़ दर्जन के करीब चुनावी जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं. उन्होंने नन्दोड सहित कुछ क्षेत्रों में रोड शो भी किए हैं. भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में शुमार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अब तक गुजरात में चुनाव प्रचार से दूर रहे हैं. हालांकि हाल ही में उन्होंने दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए रोड शो किया था. उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भी कुछ जनसभाओं को संबोधित किया था.
भाजपा अध्यक्ष नड्डा, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, पुरुषोत्तम रूपाला, गजेंद्र सिंह शेखावत, स्मृति ईरानी, देवू सिंह चौहान, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के उनके समकक्ष शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी अभी तक करीब आधा-आधा दर्जन सभाओं को संबोधित कर चुके हैं. भोजपुरी फिल्मों के स्टार और भाजपा सांसद मनोज तिवारी तथा रवि किशन भी इस मामले में पीछे नहीं हैं. उन्होंने भी राज्य के कई विधानसभा क्षेत्रों में रैलियां और रोड शो किए हैं. उल्लेखनीय है कि भाजपा पिछले 27 साल से राज्य की सत्ता में है. वह लगातार सातवां विधानसभा चुनाव जीतने के लिए अपनी ताकत लगा रही है. इस बार उसका मुकाबला कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी के साथ भी है, जो पूरे दमखम के साथ इस बार चुनावी मैदान में है.