Gujarat : रिश्वत मामले में गिरफ्तारी के बाद डीजीफटी अधिकारी की चौथी मंजिल से गिरकर मौत
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रिश्वत मामले में गिरफ्तारी के बाद यहां चौथी मंजिल पर स्थित अपने कार्यालय से कथित तौर पर छलांग लगा दी जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
राजकोट, 25 मार्च: विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रिश्वत मामले में गिरफ्तारी के बाद यहां चौथी मंजिल पर स्थित अपने कार्यालय से कथित तौर पर छलांग लगा दी जिससे उनकी मौत हो गई. पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि डीजीएफटी के संयुक्त निदेशक जवरीमल बिश्नोई (44) को शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पांच लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने इसके बाद एक इमारत की चौथी मंजिल पर स्थित उनके कार्यालय की तलाशी शुरू की. यह भी पढ़ें: गुजरात सीएमओ के अधिकारी ने अपने पुत्र का नाम ‘ठग’ से जुड़े मामले में सामने आने के बाद दिया इस्तीफा
डीजीएफटी एक सरकारी निकाय है जो देश की विदेश व्यापार नीति को लागू करने के लिए जिम्मेदार है. पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सुधीर देसाई ने कहा, ‘‘सीबीआई ने रात भर उनके कार्यालय में तलाशी अभियान चलाया और पूर्वाह्न लगभग पौने नौ बजे अभियान खत्म होने वाला था कि आरोपी अचानक खिड़की की ओर भागा और वहां से कूद गया.’’ डीसीपी ने कहा कि चौथी मंजिल से गिरने के कारण बिश्नोई को गंभीर चोटें आईं और उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. देसाई ने कहा कि प्रद्युम्न नगर थाने में आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच की जा रही है.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में सीबीआई अधिकारियों का बयान लिया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘लोगों के एक समूह ने सिविल अस्पताल में प्रदर्शन किया (बिश्नोई की मौत के मामले में सीबीआई पर आरोप लगाते हुए). अस्पताल में मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने सीबीआई अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान की और पूछताछ के लिए उन्हें थाना ले आए.’’डीसीपी ने कहा कि बिश्नोई को शुक्रवार को सीबीआई ने पांच लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने कहा कि बिश्नोई ने खाद्य डिब्बे निर्यात करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की मांग करने वाले एक व्यवसायी से कथित तौर पर कुल 9 लाख रुपये की मांग की थी. एनओसी से व्यवसायी को 50 लाख रुपये की बैंक गारंटी वापस मिल जाती.
सीबीआई के अनुसार, व्यवसायी पहले ही राजकोट में डीजीएफटी कार्यालय में छह फाइल जमा कर चुका था, जिसमें खाद्य डिब्बे के निर्यात से संबंधित आवश्यक दस्तावेज थे.
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