नोएडा, 14 दिसंबर गौतम बुद्ध नगर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग उद्योगपतियों को 10 से 15 वर्ष पुराने मामलों में नोटिस भेज रहा है। एक उद्योग निकाय ने यह दावा करते हुए कहा कि इससे व्यापारियों में रोष है।
कई उद्यमियों का दावा है कि कर जमा न करने पर उनके बैंक खाते को सीज कर दिया गया है।
उद्योगपतियों के अनुसार, जीएसटी विभाग ने बीते दो माह के अंदर 100 से अधिक व्यवसायों को नोटिस भेजा है। इन नोटिस में 10 से 15 साल पुराने मामले में कर बकाया बताते हुए जुर्माने के साथ कर जमा करने के आदेश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि कर जमा नहीं करने पर आगे कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। जीएसटी विभाग की कार्रवाई से उद्यमियों में रोष है।
उद्योग संगठन नोएडा एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन के महासचिव बी के सेठ ने बताया कि अब उद्यमियों के पास 10 से 15 साल पुराने मामले के दस्तावेज नहीं हैं। ऐसे में वे कैसे साबित करें कि उन्होंने कर जमा कर दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया, ''विभाग अपने दस्तावेजों को ठीक से नहीं रखता है और उद्यमियों को नोटिस भेज कर परेशान कर रहा है। कुछ फैक्टरी मालिकों के बैंक खाते भी सीज कर दिए गए हैं, जिसकी वजह से उनकी परेशानी बढ़ गई है।''
सेठ ने कहा कि जीएसटी विभाग के आयुक्त और अपर आयुक्त के समक्ष उद्यमियों की परेशानी को रखा जाएगा।
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