नयी दिल्ली, दो सितंबर जीएसटी परिषद अगले सप्ताह होने वाली बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर कराधान के मामले में स्थिति रिपोर्ट पर विचार कर सकती है। इसके अलावा फर्जी माल एवं सेवा कर पंजीकरण के खिलाफ जारी अभियान की प्रगति पर भी विचार किये जाने की उम्मीद है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
परिषद जीएसटी कानून में संशोधनों को प्रभावी बनाने के लिए अधिसूचनाओं को भी मंजूरी देगी। ये वित्त अधिनियम, 2024 का हिस्सा थे।
केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं। इसकी 54वीं बैठक नौ सितंबर को होगी। इसमें दो मंत्री समूहों (जीओएम) की रिपोर्ट पर भी चर्चा होगी। इसमें एक दरों को युक्तिसंगत बनाने और दूसरा रियल एस्टेट से जुड़ा है।
ऑनलाइन गेमिंग के संबंध में केंद्र और राज्य कर अधिकारी जीएसटी परिषद के समक्ष ‘स्थिति रिपोर्ट’ पेश करेंगे। रिपोर्ट में एक अक्टूबर, 2023 से पहले और बाद में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र से होने वाले जीएसटी राजस्व संग्रह का ब्योरा शामिल होगा।
ऑनलाइन गेमिंग मंच और कसीनो पर एक अक्टूबर, 2023 से प्रवेश स्तर के दांव पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया। इससे पहले, कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां यह तर्क देते हुए 28 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान नहीं कर रही थीं कि कौशल आधारित और किस्मत आधारित खेलों के लिए कर की दरें अलग-अलग थीं।
जीएसटी परिषद ने अगस्त, 2023 में अपनी बैठक में स्पष्ट किया था कि ऑनलाइन गेमिंग मंचों को 28 प्रतिशत कर का भुगतान करना होगा। बाद में कराधान प्रावधान को स्पष्ट करने के लिए केंद्रीय जीएसटी कानून में संशोधन किया गया था।
विदेशी गेमिंग मंचों को भी जीएसटी अधिकारियों के पास पंजीकरण करना और करों का भुगतान करना अनिवार्य किया गया। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो सरकार वैसी साइट को ब्लॉक कर देगी।
परिषद ने तब निर्णय लिया था कि इसके क्रियान्वयन के छह महीने बाद ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र पर कराधान की समीक्षा की जाएगी।
सूत्रों ने कहा कि परिषद क्षेत्र पर कराधान की स्थिति पर विचार-विमर्श करेगी और कर दरों में किसी प्रकार के बदलाव की संभावना नहीं है।
इसके अलावा, परिषद को फर्जी पंजीकरण के खिलाफ चल रहे अभियान, इसकी सफलता और ऐसी संस्थाओं के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी अवगत कराये जाने की संभावना है। संदिग्ध जीएसटी चोरी की कुल राशि भी परिषद के समक्ष रखी जाएगी।
सोलह अगस्त, 2024 से 15 अक्टूबर, 2024 तक चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य संदिग्ध/नकली जीएसटीआईएन का पता लगाना और इन नकली बिल जारी करने वालों को व्यवस्था से हटाने के लिए अपेक्षित सत्यापन और आगे की उपचारात्मक कार्रवाई करना है।
फर्जी पंजीकरण के खिलाफ 16 मई, 2023 से 15 जुलाई, 2023 के बीच पहले अभियान में, जीएसटी पंजीकरण वाली कुल 21,791 इकाइयों (राज्य कर क्षेत्राधिकार से संबंधित 11,392 इकाइयों और सीबीआईसी क्षेत्राधिकार से संबंधित 10,399 इकाइयां) अस्तित्व में नहीं पाई गयीं जबकि इनके नाम जीएसटी पंजीकरण में थे।
विशेष अभियान के दौरान 24,010 करोड़ रुपये (राज्य - 8,805 करोड़ रुपये, केंद्र 15,205 करोड़ रुपये) की संदिग्ध कर चोरी का पता चला।
साथ ही, परिषद पिछली बैठक में घोषित छूट या माफी योजना सहित अधिसूचनाओं को भी मंजूरी देगी। 22 जून को अपनी पिछली बैठक में परिषद द्वारा तय किए गए जीएसटी कानून में विभिन्न संशोधनों को पिछले महीने वित्त अधिनियम, 2024 के माध्यम से संसद में पारित किये गये थे।
इसके अलावा, जीएसटी दर को तर्कसंगत बनाने और रियल एस्टेट पर दो मंत्री समूह विचार-विमर्श के लिए अपनी रिपोर्ट परिषद के समक्ष रखेंगे।
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