जयपुर, 18 मई राजस्थान के पाकिस्तान से लगते इलाकों में टिड्डी का प्रकोप इस बार पिछले साल से अधिक जिलों में हो सकता है। राजस्थान सरकार ने इससे निपटने की आपात योजना बनाई है और दूरदराज के दुर्गम इलाकों में ड्रोन से दवा छिड़काव की तैयारी की जा रही है ताकि इस बार टिड्डी पर और प्रभावी ढंग से नियंत्रण पाया जा सके।
कृषि विभाग के अधिकारियों की सोमवार को हुई बैठक में यह जानकारी दी गयी। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने अधिकारियों के साथ टिड्डी नियंत्रण, खरीफ आदान व्यवस्था एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा की।
कटारिया ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन ने इस साल व्यापक पैमाने पर टिड्डी प्रकोप की आशंका जताते हुए गत वर्ष की तुलना में दो से तीन गुना अधिक प्रभाव की चेतावनी दी है।
उन्होंने कहा कि इस साल पिछले वर्ष प्रभावित हुए 12 जिलों के अलावा अन्य जिलों में भी टिड्डी के पहुंचने की आशंका है।
कोरोना महामारी के बीच टिड्डी प्रकोप को बड़ी चुनौती बताते हुए उन्होंने विभागीय अधिकारियों को जिला प्रशासन के साथ बेहतर समन्वय व किसानों के सहयोग से प्रभावी नियंत्रण करने के निर्देश दिए।
प्रमुख शासन सचिव नरेशपाल गंगवार ने बताया कि गत वर्ष राज्य के 12 जिले टिड्डी से प्रभावित हुए थे जहां इस बार नियंत्रण के लिए काफी पहले ही आपात योजना तैयार कर ली गयी है। इस साल नए जिले जुड़ने की आशंका के कारण शेष जिले भी जिला कलक्टर से आपात स्वीकृत कराकर मुख्यालय भिजवाएं।
उन्होंने बताया कि टिड्डी नियंत्रण के लिए जहां गाड़ियां पहुंचने में मुश्किल होती है वहां ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव किया जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर ली जाएगी।
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