नयी दिल्ली, 19 जुलाई केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को कहा कि सरकार की आतंकवाद के खिलाफ ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ करने की नीति है तथा जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है।
लोकसभा में ए गणेशमूर्ति के प्रश्न के लिखित उत्तर में नित्यानंद राय ने बताया कि आतंकवादी हमलों की संख्या में काफी गिरावट आई है और यह वर्ष 2018 की 417 घटनाओं से कम होकर वर्ष 2021 में 229 हो गई है।
सदस्य ने सवाल किया था कि ‘‘क्या यह सच है कि आतंकवादी हमलों की घटनाएं बढ़ रही हैं और क्या घटनाओं में वृद्धि का कोई विश्लेषण किया गया है?’’
इस पर गृह राज्य मंत्री राय ने कहा, ‘‘ आतंकवाद से मुकाबला एक सतत प्रक्रिया है। भारत सरकार ने विधि ढांचे को सुदृढ़ बनाने, आसूचना तंत्र को कारगर बनाने, आतंकवाद संबंधी मामलों की जांच एवं अभियोजन के लिये राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की स्थापना करने, पुलिस बलों के आधुनिकीकरण एवं राज्य पुलिस बलों की क्षमता को बेहतर बनाने जैसे कदम उठाये हैं।’’
राय द्वारा निचले सदन में उपलब्ध कराये गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020 में जम्मू कश्मीर में 244 आतंकवादी घटनाएं घटीं जिनमें 62 सुरक्षा कर्मी शहीद हुए तथा 106 घायल हो गए। इस अवधि में जम्मू कश्मीर में 37 नागरिकों की जान गयी और 112 अन्य घायल हुए।
वर्ष 2021 में जम्मू कश्मीर में 229 आतंकी घटनाएं घटीं जिनमें 42 सुरक्षा कर्मी शहीद हुए तथा 117 घायल हो गए। इस अवधि में जम्मू कश्मीर में 41 नागरिकों की जान गयी और 75 अन्य घायल हो गए।
गृह राज्य मंत्री ने बताया कि सरकार ने कश्मीर घाटी में स्थिति को सामान्य करने के लिये कई उपाय किये हैं जिसमें एक मजबूत खुफिया एवं सुरक्षा ग्रिड, आतंकवादियों के खिलाफ सक्रिय अभियान तथा रात में गहन गश्त आदि शामिल हैं।
राय ने बताया कि जम्मू कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिये 28,400 करोड़ रूपये के परिव्यय से एक नयी केंद्रीय योजना लागू की जा रही है जो 4.5 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करेगी।
उन्होंने बताया कि सरकार ने एक परिसीमन आयोग गठित किया था जिसने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के संसदीय एवं विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन पर 14 मार्च 2022 और 5 मई 2022 को आदेश अधिसूचित किया था।
उन्होंने बताया कि इसके बाद भारत के निर्वाचन आयोग ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के मतदाताओं की मतदाता सूची में संशोधन शुरू किया है।
गृह राज्य मंत्री ने बताया कि चुनाव निर्धारित करने का निर्णय भारत के निर्वाचन आयोग का विशेषाधिकार है।
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