जयपुर, दो अगस्त राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि गरीब एवं जरूरतमंद तबके की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व है।
उन्होंने निर्देश दिए कि इसके लिए राजस्थान में देश की सबसे अच्छी पीडीएस प्रणाली विकसित की जाए ताकि हर पात्र एवं जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर राशन मिल सके।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत लोगों को चाय, नमक सहित अन्य सामग्री भी उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएं।
गहलोत ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा की तथा जिलाधिकारियों एवं जिला रसद अधिकारियों के साथ संवाद किया।
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मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार ने ऐसे बेसहारा एवं जरूरतमंद लोगों का सर्वेक्षण कराया है जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) में चयनित नहीं हैं और कोविड-19 महामारी के कारण जिनकी आजीविका प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण में 20 लाख परिवारों के 68 लाख सदस्यों का पंजीयन किया गया था। जो लोग इस सर्वेक्षण में शामिल होने से वंचित रह गए थे, उनके लिए राज्य सरकार ने 22 जुलाई से द्वितीय सर्वेक्षण शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण की अंतिम तिथि को तीन अगस्त से बढ़ाकर 15 अगस्त कर दिया गया है ताकि कोई भी जरूरतमंद वंचित नहीं रहे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस कार्य को प्राथमिकता दें।
मुख्यमंत्री ने ‘‘ एक राष्ट्र - एक राशन कार्ड’’ कार्य को गति देते हुए एनएफएसए के लाभार्थियों को आधार से जल्द से जल्द जोड़़ने की जरूरत पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह कार्य दिसम्बर से पहले हर हाल में पूरा हो जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि एनएफएसए की सूची में से मृत व्यक्तियों के नाम तथा जाली राशनकार्ड हटाए जाएं।
गहलोत ने जिला अधिकारियों को इन्दिरा रसोई योजना के त्वरित एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भी निर्देश दिए।
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