नयी दिल्ली, तीन जून सरकार ऑटो कलपुर्जे, इस्पात और कपड़ा जैसे क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए घोषित उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को अधिसूचित करने पर विचार कर रही है।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में अतिरिक्त सचिव सुमिता डावरा ने कहा कि सरकार ने विनिर्माण के लिए प्रोत्साहन आधारित मॉडल को बढ़ावा देने, उन्नत प्रौद्योगिकियों को आकर्षित करने, बड़े स्तर पर उत्पादन और गुणवत्ता मानकों को हासिल करने के लिए पीएलआई योजना शुरू की थी।
उन्होंने पीएचडीसीसीआई द्वारा आयोजित वेब गोष्ठी ‘भारत की विनिर्माण और व्यापार प्रतिस्पर्धा पर पीएलआई योजना का प्रभाव’ में कहा, ‘‘हम सख्त समयसीमा के साथ आगे बढ़ रहे हैं और अब हम ऑटो कलपुर्जे, इस्पात और कपड़े के लिए योजना को अधिसूचित करेंगे।’’
उन्होंने आगे कहा कि महामारी के इस दौर में बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने कुछ भौगोलिक क्षेत्रों में अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को केंद्रित करने की सीमाओं को महसूस किया है।
डावरा ने कहा, ‘‘इसलिए भारत इन पीएलआई क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करके वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनने के लिए खुद को तैयार कर रहा है।’’
सरकार ने पिछले साल पांच साल की अवधि में लगभग दो लाख करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ 13 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)