देश की खबरें | सरकार लाडकी बहिन योजना का भत्ता बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का चुनाव पूर्व वादा पूरा करेगी: फडणवीस

मुंबई, पांच दिसंबर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार लाडकी बहिन योजना को जारी रखेगी और पात्र महिलाओं के लिए योजना के तहत मासिक वजीफा 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये करने के महायुति के चुनाव पूर्व वादे को पूरा करेगी।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये फडणवीस ने कहा कि वह अगले पांच सालों तक एक स्थिर सरकार देंगे और उनके नेतृत्व में राज्य में बदलाव की राजनीति होगी, न कि बदले की।

मुख्यमंत्री बनने के बाद पहले संवाददाता सम्मेलन में फडणवीस ने कहा कि 2024 के विधानसभा चुनाव का जनादेश लोगों की उम्मीदों और प्यार को दर्शाता है तथा वह उनकी उम्मीदों का दबाव महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सामाजिक, बुनियादी ढांचे, औद्योगिक क्षेत्रों में समान गति से आगे बढ़ेगा, जैसा कि पिछले ढाई वर्षों में देखा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब परिवारों की महिलाओं को लक्षित कर पहली महायुति सरकार द्वारा शुरू की गई नकद हस्तांतरण योजना, लाडकी बहिन जारी रहेगी और अगले बजट के दौरान वित्तीय संसाधनों का उपयोग किया जाएगा।

फडणवीस ने आश्वासन दिया कि सत्तारूढ़ गठबंधन इस योजना के तहत मासिक राशि 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये करने के अपने चुनाव पूर्व वादे को पूरा करेगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सात दिसंबर से मुंबई में शुरू होने वाले विधानसभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र के दौरान नौ दिसंबर को नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा।

फडणवीस ने कहा कि नयी मंत्रिपरिषद का विस्तार राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से पहले किया जाएगा ।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल गठन पर बातचीत अंतिम चरण में है।’’ उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में वर्तमान में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (शिवसेना) और अजित पवार (राकांपा) शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नयी विधानसभा में विपक्ष की संख्या कम हो गयी है, लेकिन उनकी सरकार विपक्ष द्वारा उठाये गये सभी वैध मुद्दे का समाधान करेगी। भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी जाति जनगणना के खिलाफ है लेकिन वह राजनीतिक उद्देश्य के लिए इस प्रक्रिया को हथियार बनाने के खिलाफ है।

उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में 2022 में जाति सर्वेक्षण हमारे समर्थन से हुआ । हमें सबसे पहले यह निर्णय करना होगा कि इसके माध्यम से हम क्या प्राप्त करना चाहते हैं।

फडणवीस ने जोर देकर कहा कि अगले पांच साल हमलोग महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार देखेंगे ।

उन्होंने कहा, ‘‘यहां बदलाव की राजनीति होगी न कि बदले की ।’’

उन्होंने कहा कि विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) का मुद्दा नए अध्यक्ष द्वारा तय किया जाएगा, न कि सरकार द्वारा। सदन में महा विकास आघाडी के सदस्य की संख्या 50 से भी कम है।

फडणवीस ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार एक जन-उन्मुख प्रशासन होगी जो पारदर्शिता के साथ काम करेगी और राज्य को विकास के पथ पर तेजी से आगे ले जाएगी।

यह पूछे जाने पर कि गृह और वित्त विभाग किसे मिलेंगे, मुख्यमंत्री ने सीधा जवाब देने से परहेज किया और कहा, ‘‘वे हमारी सरकार के पास रहेंगे।’’

उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि शिंदे नाराज हैं । शिंदे ने पिछली महायुति सरकार का नेतृत्व किया था, और उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल देने से मना कर दिया गया था ।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार में शमिल होने के मेरे आग्रह पर शिंदे ने तुरंत सहमति जतायी ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने के लिए मुख्य नेता को सरकार का हिस्सा होना चाहिए।’’

फडणवीस ने कहा कि नदियों को जोड़ने, सौर ऊर्जा परियोजनाएं, सामाजिक, बुनियादी ढांचे और उद्योगों में विकास नहीं रुकेगा।

महायुति की पहली सरकार में शिंदे के अधीन उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने के बाद मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने कहा, ‘‘भूमिकाएं बदल सकती हैं, लेकिन दृष्टि और दिशा वही रहेगी।’’

महाराष्ट्र में 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री रह चुके फडणवीस ने बताया कि उस समय अविभाजित शिवसेना में शामिल शिंदे उनके मंत्रिमंडल में थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विपक्षी नेताओं शरद पवार, सुशील कुमार शिंदे, उद्धव ठाकरे और पृथ्वीराज चव्हाण और मनसे के राज ठाकरे को व्यक्तिगत रूप से फोन किया और उन्हें शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘उन सभी ने मुझे बधाई दी और शुभकामनाएं दीं। वे व्यक्तिगत कारणों से शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो सके। राजनीतिक नेताओं के बीच संवाद राजनीति में खत्म नहीं होना चाहिए।’’

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