श्रीनगर, 29 जून: नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah)ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए और इसे लागू करने के परिणामों पर पुनर्विचार करना चाहिए. अब्दुल्ला ने हजरतबल दरगाह में ईद-उल-अजहा (बकरीद) की नमाज अदा करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्हें (केंद्र सरकार को) इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. यह विविधताओं से भरा देश हैं और यहां विभिन्न जातियों व धर्मों के लोग रहते हैं और मुसलमानों का अपना शरिया कानून है.’’ UCC Explainer: क्या है कॉमन सिविल कोड, जिसे ब्रह्मास्त्र की तरह इस्तेमाल करना चाहती है BJP, आखिऱ क्यों हो रहा इसका विरोध.
श्रीनगर से लोकसभा सदस्य ने कहा कि सरकार को यूसीसी लागू करने के परिणामों के बारे में सोचना चाहिए और पुनर्विचार करना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन्हें (केंद्र सरकार को) इन सब पर विचार करना चाहिए और इसे आगे बढ़ाने के बजाय इसके परिणामों के बारे में सोचना चाहिए. कहीं ऐसा न हो कि तूफान आ जाए.''
अब्दुल्ला की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा यूसीसी की जोरदार वकालत किए जाने के दो दिनों के बाद आई है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान नागरिक संहिता लाने की बात कही गयी है. उन्होंने कहा था कि परिवार में हर सदस्य के लिए समान व्यवहार किया जाता है, उसी तरह देश में प्रत्येक नागरिक के लिए भी एक समान कानून होना चाहिए.
अब्दुल्ला ने वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर आने वाले तीर्थयात्रियों का स्वागत भी किया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं यात्रा का स्वागत करता हूं. मैं अल्लाह से दुआ करता हूं कि यह यात्रा सफल हो और श्रद्धालु भगवान का आशीर्वाद लेकर लौटें.’’
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