देश की खबरें | सरकार ‘श्वेतपत्र’ लाकर बताए कि महंगाई पर नियंत्रण के लिए उसकी क्या रणनीति है: कांग्रेस

नयी दिल्ली, 23 अप्रैल कांग्रेस ने पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और कई अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को लेकर शनिवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार को ‘श्वेतपत्र’ लाकर देश की जनता को बताना चाहिए कि महंगाई पर नियंत्रण के लिए उसकी क्या रणनीति है।

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महंगाई दर बढ़ने और बैंकों में सावधि जमा (एफडी) पर मिलने वाले ब्याज में कमी होने का हवाला देते हुए केंद्र सरकार पर प्रहार किया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘महंगाई दर 6.95 प्रतिशत है। एफडी पर ब्याज दर पांच प्रतिशत है। अपने खातों में 15 लाख रुपये आने की बात भूल जाइए, प्रधानमंत्री मोदी के ‘मास्टरस्ट्रोक’ ने आपकी जमा-पूंजी को ही खत्म कर दिया है। यह जनधन लूट योजना है।’’

पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ पिछले दो वर्षों में घर चलाने का खर्च 44 प्रतिशत बढ़ गया है। अगर पिछले आठ वर्षों के आंकड़े देखें तो कई जरूरी वस्तुओं की कीमतें पेट्रोल के दाम के मुकाबले ज्यादा बढ़ी हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जनवरी, 2014 से मार्च, 2022 के दौरान पेट्रोल की कीमत 31.3प्रतिशत बढ़ी है। इसी अवधि में दूध की कीमत 40 प्रतिशत, घी की कीमत 38 प्रतिशत, सरसों के तेल की कीमत 96 प्रतिशत बढ़ी है। दाल के दाम भी लगभग 48 प्रतिशत बढ़े हैं।’’

सुप्रिया ने दावा किया, ‘‘सिर्फ महंगाई से ही लोगों को परेशान नहीं किया किया जा रहा है, बल्कि लोगों की जमा पूंजी पर डाका डाला जा रहा है। आज देश के हर व्यक्ति पर 46 हजार रुपये का कर्ज है।’’

उन्होंने सरकार से सवाल किया, ‘‘यह सरकार महंगाई पर लगाम लगाने के लिए क्या कारगर कदम उठा रही है? क्या सरकार को पता है कि महंगाई के चलते कुपोषण और भुखमरी देश में बढ़ रही है?’’

सुप्रिया ने सरकार से आग्रह किया, ‘‘सरकार बिना वक्त बर्बाद किए महंगाई पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाए। पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमत कम करे। अर्थव्यवस्था और महंगाई पर एक श्वेत पत्र जारी करे और लोगों को बताए कि उसके पास महंगाई पर नियंत्रण करने के लिए क्या रणनीति है।’’

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के एक बयान से जुड़े सवाल पर उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में नफरत और हिंसा का माहौल बनाया जा रहा है, जिस कारण देश की छवि धूमिल हो रही है और निवेशक भारत को निवेश के लिए सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।

हक

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)