नयी दिल्ली, 27 अप्रैल सरकार ने डिजिटल इंडिया आरआईएससी-वी कार्यक्रम के तहत 2023-24 तक पहले स्वदेशी चिपसेट को व्यावसायिक रूप से पेश करने की समयसीमा तय की है। दी।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया आरआईएससी-वी (डीआईआर-वी) कार्यक्रम का मकसद माइक्रोप्रोसेसरों की भावी पीढ़ियों का निर्माण करना है। ये माइक्रोप्रोसेसर परिवहन, कंप्यूटिंग और डिजिटलीकरण को लेकर भारत की रणनीतिक जरूरतों को पूरा करेंगे।
चंद्रशेखर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक बड़े मील के पत्थर, जिस पर मैं अत्यधिक ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, वह है दिसंबर, 2023 तक या 2024 की शुरुआत में शक्ति और वेगा प्रोसेसर के वाणिज्यिक सिलिकॉन का पहला सेट उपलब्ध कराना।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि कम से कम कुछ कंपनियां 2023-24 से पहले डीआईआर-वी उत्पादों - शक्ति और वेगा के लिए अपने उत्पाद डिजाइन को अपनाएं और जब सिलिकॉन तैयार हो जाए, तो वे विनिर्माण और उत्पादों में चिप को लगाना शुरू कर दें।’’
आईआईटी मद्रास और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सीडैक) ने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के माइक्रोप्रोसेसर विकास कार्यक्रम के तहत ओपन सोर्स आर्किटेक्चर का उपयोग करते हुए क्रमशः शक्ति (32 बिट) और वेगा (64 बिट) नामक दो माइक्रोप्रोसेसर विकसित किए हैं।
सरकार ने आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी कामकोटी को डीआईआर-वी कार्यक्रम के मुख्य ऑर्किटेक्चर और सीडैक त्रिवेंद्रम के वैज्ञानिक कृष्णकुमार राव को कार्यक्रम प्रबंधक के रूप में नियुक्त किया है।
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