औरंगाबाद, पांच सितंबर महाराष्ट्र सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल मराठा आरक्षण के लिए आठ दिन से भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे को हड़ताल खत्म करने के लिए मनाने में मंगलवार को नाकाम रहा।
जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में भूख हड़ताल कर रहे जारांगे ने कहा कि अगर आरक्षण को लेकर अनुकूल निर्णय नहीं लिया गया तो वह चार दिन बाद पानी और तरल पदार्थ लेना बंद कर देंगे।
सरकार अब तक जारांगे से दो बार संपर्क कर उनसे अनशन वापस लेने का आग्रह कर चुकी है, लेकिन उन्होंने हटने से इनकार कर दिया है।
मंगलवार को पर्यटन मंत्री गिरीश महाजन अपने कैबिनेट सहयोगियों संदीपन भुमरे और अतुल सावे के साथ जारांगे से मिले और उनसे हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया। उनके साथ विधायक नारायण कुचे, राजेश टोपे और पूर्व विधायक अर्जुन खोतकर भी शामिल थे।
महाजन ने जारांगे को अपने साथ मुंबई चलने और इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बातचीत करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
उन्होंने महाजन से कहा, “हम सरकार को चार दिन का समय दे रहे हैं। अगर सरकार मराठा आरक्षण पर जीआर (प्रस्ताव) पेश करने में विफल रहती है, तो मैं पानी, जूस और तरल पदार्थ का सेवन बंद कर दूंगा।”
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