पणजी, चार फरवरी पिछले पांच साल में दलबदल से बुरी तरह प्रभावित रही कांग्रेस ने गोवा में राज्य विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले शुक्रवार को अपने उम्मीदवारों से एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कराए और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में उन्हें पार्टी के प्रति वफादारी की शपथ दिलाई।
गोवा की सभी 40 विधानसभा सीट पर 14 फरवरी को मतदान होगा और परिणाम 10 मार्च को घोषित किया जाएगा।
कांग्रेस ने चुनाव के लिए गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के साथ गठबंधन किया है। इसने जहां 37 उम्मीदवार खड़े किए हैं, वहीं जीएफपी तीन सीट पर चुनाव लड़ रही है।
कार्यक्रम में जीएफपी उम्मीदवार भी मौजूद थे, जिन्होंने यह कहते हुए हलफनामे पर हस्ताक्षर किए कि चुनाव जीतने के बाद वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे।
गांधी शुक्रवार सुबह गोवा पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने मुरगांव विधानसभा क्षेत्र में घर-घर जाकर चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया। उनका सांखालिम में एक जनसभा को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है।
विपक्ष के नेता दिगंबर कामत के नेतृत्व में, जो विधानसभा में बचे पार्टी के दो विधायकों में शामिल हैं, उम्मीदवारों ने हलफनामा पढ़ा, जिसमें वादा किया गया कि वे अगले पांच वर्षों में पार्टी से इस्तीफा नहीं देंगे या किसी अन्य राजनीतिक संगठन में नहीं जाएंगे।
इस अवसर पर कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल, पार्टी के गोवा चुनाव प्रभारी पी चिदंबरम, इसके प्रदेश प्रभारी दिनेश गुंडू राव और गोवा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर भी मौजूद थे।
पिछले पांच वर्षों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित तटीय राज्य में दलबदल से कांग्रेस सबसे ज्यादा प्रभावित रही है, क्योंकि उसके अधिकतर विधायकों ने पाला बदल लिया। साल 2019 में कांग्रेस के 10 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के सदस्यों की वर्तमान संख्या 27 है।
कांग्रेस 2017 के विधानसभा चुनाव में 40 सदस्यीय सदन में 17 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, लेकिन अब सदन में इसके केवल दो विधायक बचे हैं।
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