नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने इस साल वैश्विक वस्तु व्यापार मात्रा में 10.8 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है। यह मार्च में जताये गये 8 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है।
डब्ल्यूटीओ ने कहा कि वृद्धि में कुछ नरमी आने की संभावना है क्योंकि वस्तु व्यापार महामारी-पूर्व दीर्घकालीन प्रवृत्ति की ओर बढ़ रहा है। और सेमीकंडक्टर की कमी और बंदरगाहों पर पहले का माल पड़ा होने जैसे मुद्दों के कारण आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव बढ़ सकता है तथा कुछ खास क्षेत्रों में व्यापार प्रभावित हो सकता है।
विश्व व्यापार संगठन ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि वैश्विक वस्तु निर्यात मात्रा में वृद्धि 2021 में 10.8 प्रतिशत रहेगी। यह मार्च के 8 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है। वहीं 2022 में इसमें 4.7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।’’
उसने कहा कि इस साल वस्तु व्यापार की मात्रा में उच्च सालाना वृद्धि दर का कारण तुलनात्मक आधार कमजोर होना है। पिछले साल 2020 की दूसरी तिमाही में वस्तु व्यापार तीव्र गिरावट के बाद बाहर आने लगा था।
डब्ल्यूटीओ के अनुसार, ‘‘कमजोर तुलनात्मक आधार के कारण सालाना आधार पर 2021 की दूसरी तिमाही में वृद्धि दर 22 प्रतिशत रही। लेकिन तीसरी तिमाही में इसके कम होकर 10.9 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.6 प्रतिशत पर आने का अनुमान है। इसका कारण 2020 की अंतिम दो तिमाहियों में व्यापार में तीव्र सुधार है।’’
उसने यह भी कहा कि अनुमान के नीचे जाने का जोखिम बना हुआ है। लेकिन जो जोखिम है, उसका आकलन मुश्किल है। इसमें मुद्रास्फीति में वृद्धि, बंदरगाहों पर देरी, जहाजों के जरिये माल ढुलाई की उच्च दर और सेमीकंडक्टर की कमी बरकरार रहना आदि हैं।
डब्ल्यूटीओ ने कहा कि महामारी खासकर खतरनाक कोरोना वायरस के नए वैरिएंट को लेकर भी विश्व व्यापार और उत्पादन के स्तर पर जोखिम बना हुआ है। अधिक संक्रामक डेल्टा किस्म के प्रसार को देखते हुए सरकारों ने रोकथाम के उपाय किये हैं।
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