नयी दिल्ली, 30 मार्च सैटकॉम इंडस्ट्री एसोसिएशन (एसआईए) ने बुधवार को जारी एक श्वेत पत्र में कहा कि 5जी नीलामी के लिए अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटित करने से भारतीय नागरिक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं से वंचित हो जाएंगे, जिससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का नुकसान होगा।
सैटेलाइट कंपनियां 5जी मोबाइल सेवाओं के लिए उच्च फ्रीक्वेंसी वाले बैंड की नीलामी का विरोध कर रही हैं और उन्होंने सरकार से सैटेलाइट फर्मों को रेडियोवेव आवंटित करने की अंतरराष्ट्रीय प्रथा का पालन करने का आग्रह किया है।
एसआईए ने कहा, ‘‘आगामी 5जी नीलामी में अतिरिक्त स्पेक्ट्रम संसाधनों की पेशकश के चलते भारतीय नागरिकों को उन्नत सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं के लाभों से वंचित होना पड़ेगा।’’
श्वेत पत्र में कहा गया कि ऐसे में जीडीपी को 184.6 अरब डॉलर तक का नुकसान होगा।
श्वेत पत्र में कहा गया है कि सैटेलाइट कंपनियां साझा आधार पर स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करती हैं, जबकि नीलामी से केवल एक कंपनी को इसका मालिकाना हक मिलेगा।
एसआईए-इंडिया के महानिदेशक अनिल प्रकाश ने श्वेत पत्र जारी करते हुए कहा कि साझा स्पेक्ट्रम उपयोग की प्रशासनिक लाइसेंसिंग को बदलने के किसी भी प्रस्ताव से कई कानूनी बाधाएं पैदा होंगी।
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