देश की खबरें | विदेश में चिकित्सा पढ़ाई के लिए छात्रा ने नीट से छूट की मांग की, अदालत ने एमसीआई से गौर करने को कहा
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, दो अगस्त विदेश में चिकित्सा की पढाई करने की इच्छुक एक छात्रा ने दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंचकर उससे अधिकारियों को नीट पास करने की पूर्व शर्त के बगैर ही उसे पात्रता प्रमाणपत्र देने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। उसका कहना है कि उज्बेकिस्तान में शीघ्र ही चिकित्सा पाठ्यक्रम के लिये दाखिले की प्रक्रिया समाप्त होने वाली है।

भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) की मार्च, 2019 की गजट अधिसूचना के अनुसार विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) पास करने को अनिवार्य बनाया गया है। मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आयोजित की जाने वाली यह साझा प्रवेश परीक्षा है।

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न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव ने कहा कि विद्यार्थी उच्च न्यायालय पहुंचने से पहले अपनी शिकायत लेकर प्रशासन के पास नहीं गयी। उन्होंने एमसीआई को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर इस याचिका पर प्रतिवेदन के रूप में विचार करने और तीन सप्ताह के अंदर निर्णय लेने का निर्देश दिया।

अदालत ने एमसीआई के वकील टी सिंहदेव और अंकित राज के इस बयान को रिकॉर्ड में लिया कि प्राधिकारी अदालत के आदेश का तेजी से अनुपालन करेंगे।

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छात्रा ने अपनी अर्जी में कहा है कि वह उज्बेकिस्तान के बुखारा स्टेट मेडिकल इंस्टीट्यूट से चिकित्सा की पढ़ाई करना चाहती है, जिसमें दाखिले की अंतिम तारीख 20 अगस्त है।

उसने कहा कि जो भारतीय विद्यार्थी दूसरे देश से मेडिकल कोर्स करना चाहते हैं, उनके लिए नीट पास करना अनिवार्य है। उसने कहा कि भारत में नीट परीक्षा 13 सितंबर को है, ऐसे में उसके लिये पात्रता पूरी करना संभव नहीं है।

कोविड-19 महामारी के चलते नीट परीक्षा दो बार स्थगित की गयी और अब यह 13 सितंबर को होने वाली है।

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